आंदोलन कर रहे कर्मचारियों पर एफआईआर

Frontline News Desk
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आंदोलन कर रहे कर्मचारियों पर एफआईआर

 

Ranchi : सेवा विस्तार की मांग को लेकर धरने पर बैठे 14वें वित्तकर्मियों पर जगन्नाथ पुर थाने में एफआईआर दर्ज करा दिया गया है. थाना प्रभारी ने बताया कि तीन नामजद के साथ सैकडों अज्ञात पर मामला दर्ज किया गया है. वित्तकर्मी सर्विस में एक्सटेन्सन के पाने के लिए महीने भर से रांची के बिरसा चौक पर धरना दे रहे है. आंदोलन कर रहे इन कर्मचारियों पर आंदोलन को अवैध बताते हुए मामला दर्ज किया गया है. मामले पर संघ के सदस्यों ने कहा कि हम सभी कर्मचारी अपना हक और अधिकार मांग रहें है. अपना हक और अधिकार मांगना कहा से गलत और गैरकानूनी है. कर्मचारियों ने कहा कि सरकार तानाशाह रवैया अपना रही है. एक झटके में 1600 कर्मचारियों को बेरोजगार हो गए. उन्हें रोजगार देने के बजाय उन पर मुकदमा कर रही है. यह कहीं से भी जायज नहीं है. यदि प्रशासन की और से एक भी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया तो जेल भरो आंदोलन किया जाएगा. सभी कर्मी अपने उचित मांगों को लेकर न्यायोचित और शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. एफआईआर करके सरकार एवं पदाधिकारी आंदोलन को कुचलने की साजिश कर रहे हैं. जबतक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती तो हम अपने हक और अधिकार के लिए आंदोलन करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि डॉक्टर इरफान अंसारी के द्वारा दिया गया आश्वासन झूठा निकला तो पुनः हम सभी मुख्यमंत्री आवास घरने को मजबूर होंगें और तब तक घेरेंगे जब तक कि हमारी मांगे पूरी ना हो जाए, चाहे इस दौरान हम सभी की जान क्यों ना चली जाए, उन्होंने सरकार से सवाल भी किया गया कि अगर हम सभी के द्वारा अपने न्यायोचित मांगों को लेकर किया गया धरना अगर अवैध था तो अनुमंडल पदाधिकारी 1 महीने से हमें इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी, यह सोची समझी साजिश है, जिसे हम सभी कर्मी सफल नहीं होने देंगे एवं संविदा विस्तार का पत्र ले कर ही घर वापस जाएंगे।उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी के द्वारा अगर गलत एफ आई आर वापस नहीं लिया गया तो हम सभी उग्र आंदोलन करेंगे,जिसकी सारी जवाबदेही थाना प्रभारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी होगी,कर्मी संघ के द्वारा बताया गया कि अगर हम सभी का धरना अवैध था तो इरफ़ान अंसारी , अकेला यादव हम सभी के धरने को संबोधित क्यों किए इस दौरान क्यों कहा कि हमारी मांगे जायज है , अधिकारी एवं प्रशासन को एक महीने के बाद हमारा धरना अवैध लगता है, यह लोकतांत्रिक देश मे लोकतांत्रिक आवाज को प्रशासन एवं सरकार द्वारा कुचलने की साजिश ही अन्याय है। जो हम सभी कतई नहीं होने देंगे।

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