आदिवासी समाज खुश रहने वाला समाज: मुख्यमंत्री

Frontline News Desk
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संजय तिवारी, मांडर

आदिवासी समाज खुश रहने वाला समाज: मुख्यमंत्री

 

 

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मांडर : दो दिवसीय ऐतिहासिक मुड़मा जतरा का समापन मगंलवार को हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन उपस्थित हुए। साथ में विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की भी उपस्थित हुए। दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई।अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री को एक मांदर भी उपहारस्वरूप दिया गया। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुड़मा जतरा काफी विकास कर चुका है। अब इसे किसी वैशाखी की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज इतनी प्राचीन है, फिर भी गरीब क्यों है। और इसके बावजूद भी ये खुश रहते हैं। इसपर हमे गर्व है। इस राज्य को बदनाम करने की कोशिश की गई। लेकिन राज्य निरंतर बढ़ते ही गया। विदेशों में भी अब इस राज्य की चर्चा होती है। राज्य में महिला हॉकी चैंपियनशिप चल रहा है जिसे पूरी दुनिया देख रही है। राज्य खनिज संपदाओं से भरा पड़ा है, फिर भी वहां के लोग गरीब है। इसका कारण शिक्षा की कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए अच्छे स्कूलों की स्थापना की जा रही है। शिक्षकों की बहाली की जा रही है। बहुत जल्द सरकारी स्कूलों को निजी स्कूल से बेहतर बना लिया जायेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि झारखंडियों को उनका वास्तविक अधिकार दिलाकर रहूंगा। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने अपने सम्बोधन में कहा कि जतरा खूंटा शक्ति स्थल हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट के समान है। सरकार जनहित मुद्दों को दृढ़तापूर्वक लागू कर रही है। पेसा कानून पर भी मुख्यमंत्री अंतिम मोहर लगाने जा रही है। ग्राम सभा को ताकत देने जा रही है। गरीबों को आबुआ आवास योजना चलाई जा रही है जिसके तहत आठ लाख लोगों को घर मिलेगा।

 

 

शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज काफी व्यवस्थित होते हैं। ये प्रकृति से जुड़े होते हैं। इनकी भावनाओं को समझने की जरुरत है। ये सामूहिक रूप से रहनेवाले समाज हैं। हम ना केवल इंसानों को बल्कि जानवरों को भी सम्मान देते हैं। अजय नाथ शाहदेव ने अपने सम्बोधन में सरना धर्म को लागू कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज खुश रहना जानते हैं।आदिवासी लोहरा समाज मांडर प्रखण्ड की तरफ़ से अपने पारंपरिक औजार के साथ खोड़हा का प्रदर्शन किया गया। कार्तिक लोहारा ने बताया कि समाज अपने पारंपरिक औजार घना के साथ इस जतरा में उपस्थित हुए। इस बार महली जनजाति समुदाय के तरफ़ से भी अपना खोड़हा का प्रदर्शन किया गया।

 

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मेला के सफल आयोजन में भागीदारी के लिए उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, वरीय आरक्षी अधीक्षक चन्दन सिन्हा, ग्रामीण एस पी मनीष टोप्पो, मांडर अंचलाधिकारी विजय हेमराज खलखो, बेड़ो डी एस पी माणिक रजत बाखला, मांडर थाना प्रभारी विनय यादव समेत अन्य को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने किया। संचालन ने रवि तिग्गा किया।

 

जमकर हुई ईख और मिठाइयों की बिक्री
यह जतरा बिक्री के लिए भी प्रसिद्ध है। लोगों में यह मान्यता है कि इस जतरा से ईख एवं मिठाई के बगैर घर वापस लौटना भी अशुभ माना जाता है। यही कारण है कि यहां जमकर खरीदारी होती है।साथ ही मिठाइयों से लेकर दैनिक जीवन के साथ किसान के उपकरण ,पारंपरिक हथियार, ढोल, नगाड़ा मछली मारने को जाल साहित अन्य सभी सामानों की यहां जमकर बिक्री हुई।

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मौके पर जे एम एम के मुश्ताक आलम, नेपाल के सांसद सूर्यदेव उरांव, सुकरा मुंडा, भाजपा नेता सन्नी टोप्पो, मो मुजीबुल्लाह, फिलीप सहाय, अमानत अंसारी, जगराम उरांव, अनिल उरांव, जतरू उरांव, बंधन उरांव,, जगराम उरांव,, इतवारी कुजूर, बंधना उरांव, परमेश्वर उरांव, डी डी सी परमेश्वर भगत, अमिताभ पाठक समेत सैकडों लोग मौजूद थे।

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