…और कितने पारा शिक्षकों की मौत देखेगी हेमंत सरकार : मोर्चा
19 मार्च तक स्थायीकरण, वेतनमान का वादा पूरा करे सरकार.
Ranchi : पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार और एसपीडी के तुगलकी फरमान से डरे बिना आज 15 मार्च को 5 दिवसीय विधानसभा घेराव प्रारंभ हुआ.
घेराव के प्रथम दिन गिरीडीह, देवघर, पूर्वी सिंहभूम, लोहरदगा एवं रामगढ़ जिले के लगभग 10 हजार पारा शिक्षकों ने हुंकार भरी.
कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, मोहन मंडल एवं सिंटू सिंह ने कहा “आखिर 3 महीने में राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण वेतनमान देने का वादा करनेवाली हेमंत सरकार कब अपना वादा पूरा करेगी ?”
हेमंत सोरेन जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद लगभग 5 सौ से अधिक पारा शिक्षकों की मृत्यु हो गई, सैकड़ों पारा शिक्षक बिना किसी लाभ के सेवानिवृत्त हो गए !
आखिर और कितने पारा शिक्षकों की मौत के बाद सरकार स्थायीकरण, वेतनमान की नियमावली बनाएगी.
आखिर कब तक पारा शिक्षकों की वर्तमान समस्याओं (मांगपत्र संलग्न) का समाधान होगा ?
यदि 19 मार्च तक सरकार ने राज्य के सभी 65 हजार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण, वेतनमान सहित वर्तमान समस्याओं के निदान पर निर्णय नहीं लिया तो उग्र आंदोलन होगा और इसकी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी.
बगोदर विधायक विनोद कुमार सिंह ने घेराव स्थल पर उपस्थित होकर पारा शिक्षकों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि “मैं हक की लड़ाई में आपके साथ सदैव खड़ा हूँ. मैंने आज मुख्यमंत्री से भी पारा शिक्षकों की समस्याओं के स्थायी निदान हेतु निर्णय का अनुरोध किया हूँ”
आज प्रथम दिन :
गिरिडीह के नारायण महतो, सुखदेव हाजरा, मनोज शर्मा, अजय पांडेय, उमेश राय, रिशालचंद यादव,
रामगढ़ के जितेंद्र कुमार, रोहित कुमार, मो0 सलीम, बसंत ठाकुर,
लोहरदगा के जसीम अंसारी, हसन अंसारी, लाल उमाशंकर शाहदेव, सुनीता देवी, जयारानी कुंवर,
पूर्वी सिंहभूम के सुमित तिवारी, प्रितेश खलखो, तापस हलधर, सन्नी कुमार,
देवघर के विरंजय यादव, सिकंदर कुमार राय, शशिकांत मिश्रा, दीपक सोनी, सुधांशु देव आदि नेसंबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार ने जल्द हीं अपना वादा पूरा नहीं किया तो सत्तापक्ष के विधायकों का क्षेत्र में पुरजोर विरोध किया जाएगा.
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बिनोद बिहारी महतो, संजय कुमार दुबे, हृषिकेश पाठक, प्रमोद कुमार, दशरथ ठाकुर, मोहन मंडल, प्रद्युम्न कुमार सिंह (सिंटू)
राज्य इकाई
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा