कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी को अपने बयान ‘जामताड़ा की सड़कें फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के गाल से भी ज्यादा चिकनी होगी’ पर माफी मांगनी चाहिए : मेयर
Ranchi : झारखंड के जामताड़ा से कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी को अपने बयान ‘जामताड़ा की सड़कें फ़िल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के गाल से भी ज्यादा चिकनी होगी’ पर माफी मांगनी चाहिए। शनिवार को ये बातें भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने कही। उन्होंने कहा कि विधायक को यह ज्ञात होना चाहिए कि वे किस संदर्भ में किस शख्सियत का नाम ले रहे हैं। विधायक के इस बयान से महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंच है। क्या विधायक के मन में एक नारी के प्रति यही सम्मान है? उन्होंने यह भी कहा कि इससे पूर्व भी विधायक इरफान अंसारी लड़कियों पर विवादित बयान दे चुके हैं। अगस्त 2020 में उन्होंने रांची की योग शिक्षिका और भाजपा नेता राफिया नाज़ के खिलाफ विवादित बयान दिया था। योग शिक्षिका पर योग के दौरान पहने जाने वाले कपड़े को उन्होंने इस्लाम के खिलाफ बताया था। उन्होंने कहा था, ‘राफिया योग के बदले अंग प्रदर्शन करती है। विधायक के इस बयान के बाद उनपर महिलाओं को अपमानित करने का आरोप भी लगाया गया था। भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर कांग्रेसी विधायक इरफान अंसारी अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दे रहे हैं। जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र की जिन मां-बहनों ने अपना मत प्रदान कर उन्हें विधायक बनाया है, उन मां-बहन व बेटियों को भी अपने बयान से अपमानित करने का काम किया है। राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर के कांग्रेस नेताओं में थोड़ी सी भी शर्म बची हो तो विधायक इरफान अंसारी को उनके बयान के लिए दंडित करें।
भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने पाकुड़ के पाकुड़िया में कई गई आदिवासी महिला की हत्या से संबंधित घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि विभिन्न समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि संबंधित महिला की जमीन पर मस्जिद का निर्माण कराया गया है। शुक्रवार को वह सोहराय पर्व के कार्यक्रम में शामिल होकर अपने घर लौट रही थी। इस क्रम में आरोपी मुमताज अंसारी ने संबंधित आदिवासी महिला के कीमती जेवरात छीनने के बाद पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर पाकुड़ की महिलाएं आक्रोशित हैं। मस्जिद के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया गया है। साथ ही मस्जिद के सामने चुड़का गाड़ दिया गया है। डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार में क्या हो रहा है? निर्दोष आदिवासियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। फिर भी मुख्यमंत्री चुप हैं। क्या वे भी आदिवासी विरोधी नीति को अपनाकर अल्पसंख्यकों के हितैषी बन चुके है। राज्य में कानून व्यवस्था दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। झारखंड पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।क्या राज्य के मुख्यमंत्री आदिवासियों को सुरक्षा प्रदान करने में अक्षम साबित हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में कैसी सरकार है, जहां के मुख्यमंत्री स्वयं आदिवासी हैं और उनके राज में आदिवासी समुदाय के लोग ही खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।