किसान बिल के विरोध में ट्रैक्टर रैली,भाजपा पर साधा निशाना
Ranchi : झारखंड प्रदेश आदिवासी कांग्रेस कमेटी ने आज प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सह मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव के द्वारा निर्देशित ट्रैक्टर रैली ‘‘खेती बचाओ यात्रा’’ में बढ़-चढ़कर शामिल हुए। आदिवासी कांग्रेस के उपाध्यक्ष सन्नी टोप्पो, जोनल कोऑर्डिनेटर भानू प्रताप बडाईक, बेलस तिर्की, प्रभाकर तिर्की,नीरज भोक्ता आदि प्रमुख नेताओं ने किसानी वेशभूषा में ट्रैक्टर रैली में भाग लेकर मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों का जोरदार तरीके से विरोध किया। टैक्ट्रर रैली में 21 टैक्ट्रर, हल, ट्रोली के साथ काफी संख्या में कोंग्रेस पार्टी नेता, कार्यकर्ता एवं स्थानीय किसान, मजदूर शामिल होकर मोदी सरकार का तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध किया गया।
ट्रैक्टर रैली ‘‘खेती बचाओ यात्रा’’ नामकुम रामपुर सावना लकड़ा चौक से निकलकर नामकुम, राजेन्द्र चौक, विवेकानंद चौक, डोरंडा, हिनू चौक, बिरसा मुंडा चौक होते हुए पुराना विधानसभा मैदान पहुंचा जहां सभा आयोजित की गई।
झारखंड प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के जोनल कोर्डिनेटर भानू प्रताप बड़ाईक ने कहा यह कृषि कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को कमजोर कर देगा और बड़ी कंपनियां किसानों के शोषण के लिए स्वतंत्र हो जाएंगी और भाजपा की सरकार मंडी व्यवस्था खत्म कर के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित कर देगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया था। लेकिन ‘काले’ कानून लाकर किसानों का आर्थिक शोषण करने जा रहे हैं। ये जमींदारी का नया रूप है और भाजपा के कुछ ‘मित्र’ नए भारत के ‘जमींदार’ होंगे।
नये किसान कानूनों से पूंजीपति कंपनियां मनमाने दामों पर किसानों से फसल खरीदेगी, क्योंकि किसानों के पास भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं है, उन्हें अपना अन्न कम दाम पर भी बेचना पडेग। यदि किसान अपनी उपज को पंजीकृत मंडी के बाहर बेचते हैं, तो राज्यों को राजस्व का नुकसान होगा।
सन्नी टोप्पो ने कहा यदि मोदी सरकार इतना ही किसानों के हित को सोचती है तो उसे एक और कृषि पर कानून लाना चाहिए जो किसानों को एमएसपी का कानूनी अधिकार दे दे, जो यह सुनिश्चित करेगा कि एमएसपी के नीचे किसी से खरीद नहीं होगी। इससे किसानों का हौसला बुलंद होगा। उन्होंने कहा कि इस कानून से देश के पूंजीपति व्यापारियों की मनमानी बढ़ेगी, किसानों को उपज की सही कीमत नहीं मिलेगी।
ट्रेक्टर रैली में प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव, डा राजेश गुप्ता छोटू,प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य विक्रम जयसवाल,अल्पसंख्यक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी, वरीष्ठ कांग्रेस नेता निरंजन पासवान,जितेन्द्र त्रिवेदी,देवजीत देवघरिया, सुषमा हेम्ब्रम, राखी कौर,मोहित राज,गौरव आनन्द,सोनी नायक,शुभम राजपूत, कृष्णा सहाय,रोहन सिंह मुख्य रुप से उपस्थित थे।
ट्रैक्टर रैली में शामिल होने के पूर्व कांग्रेस प्रवक्ताओं ने छप्पन सेट डोरंडा से ट्रेक्टर में झांकी निकाली,जिसमें बर्बाद होती मंडियों को दिखाया गया।मंडियो में आलू,प्याज,धान,गेहूँ,गन्ना को बटखरे की जगह रुपयों से तराजू में तौलते हुए दर्शाया गया है जो काफी आकर्षण का केन्द्र विन्दु में रहा।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि काले कानून लागू होने से पूरे देश के किसान तबाह हो जाएंगे, बर्बादी के कगार पर आ गए हैं, पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की केंद्र सरकार की यह नीति भारत की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से नष्ट कर देगा, कांग्रेस पार्टी इस बिल के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखेगी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा प्रतीक के तौर पर आज हमने यह दर्शाया है कि किस प्रकार यह काला कानून पूरी मंडियों को बर्बाद कर देगा और जरूरत की चीजें ,खाने पीने की चीजों की कीमतें नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा किसानों के ऊपर प्रहार अध्यादेश कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। यूपीए की सरकार में हमने किसानों को राहत दी थी, बल्कि 70 वर्षों में किसानों ने पूरे हिंदुस्तान का पेट पालने का काम किया और आज किसानों के ऊपर प्रहार कर चारों ओर हाहाकार मच चुका है, यह निर्णय देश के खिलाफ है,किसानों के खिलाफ है।
प्रोफेशनल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल ने कहा भारत गांवों का देश है, किसानों का देश है,70 वर्षों में कृषि क्षेत्र ही ऐसा रहा है जो पूरी तरह से स्वतंत्र रहा और किसानों के नियंत्रण में रहा,मगर यह पहला मौका है जब पूरी किसान और खलिहान को पूंजी पतियों के हाथों में गिरवी रखने का षडयंत्र रचा गया है जिसे देश अच्छी तरह से समझ रहा है।आदित्य जयसवाल ने कहा बहुराष्ट्रीय कंपनियों से लेकर पूरी भारतवर्ष की संपत्तियों को यहां तक कि खेत खलिहानओं को पूंजीपति मित्रों को सौंपने का यह अनैतिक फैसला आने वाले भविष्य के लिए घातक होगा।