कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए गठित कोषांगों की समीक्षा बैठक
रांची : उपायुक्त छवि रंजन ने कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिये गठित विभिन्न कोषांगों के कार्यों की आज दिनांक 27 अगस्त 2020 को समीक्षा की। मोरहाबादी स्थित गोपनीय कार्यालय में आयोजित बैठक में सभी कोषांगों के वरीय प्रभारी, आईडीएसपी सेल के अधिकारी, इंसिडेंट कमांडर्स, रिम्स के डॉक्टर एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में सबसे पहले उपायुक्त छवि रंजन ने सिविल सर्जन, रांची से जिले में प्रतिदिन होने वाले कोविड-19 जांच की जानकारी ली। बैठक में पदाधिकारियों के साथ कोविड-19 जांच के लिए सैंपल कलेक्शन बढ़ाने पर विचार विमर्श किया गया। उपायुक्त ने सैंपल कलेक्शन के लिए आवश्यकतानुसार टीम उपलब्ध कराने को लेकर संबंधित पदाधिकारी को निदेश दिए।
लॉजिस्टिक्स टीम के नोडल पदाधिकारी सह सिविल सर्जन, रांची से उपायुक्त ने जिले के सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर की जानकारी ली। साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक उपकरणों के बारे में भी विस्तार से पूछा। उन्होंने सिविल सर्जन को सभी अस्पतालों से समन्वय स्थापित कर आवश्यक उपकरणों की रिपोर्ट अपडेट करने का निदेश दिया।
निजी लैब माइक्रो प्रेक्सिस द्वारा कोविड-19 जांच के दौरान दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए सिविल सर्जन, रांची को उपायुक्त ने निर्देश दिए।
बैठक के दौरान उपायुक्त, रांची छवि रंजन ने शहरी क्षेत्र के सभी इंसिडेंट कमांडर से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की जानकारी ली। उपायुक्त ने कहा कि ऐसे मरीज जिनकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई और जिन्होंने इलाज के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करने से इनकार कर दिया, ऐसे लोगों लोगो की जानकारी एकत्रित कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराएं। इसे लेकर उन्होंने एसडीओ रांची, एडीएम नक्सल, शहरी क्षेत्र के सभी इंसिडेंट कमांडर को आवश्यक निदेश दिए। उपायुक्त ने संबंधित सेल के प्रभारी को हर दिन इसकी समीक्षा करने को भी कहा।
उपायुक्त ने बैठक में आईडीएसपी सेल से सभी सरकारी एवं निजी लैब से आ रहे रिपोर्ट की जानकारी ली एवं भारत सरकार के पोर्टल पर डाटा अपडेशन के बारे में पूछा। उन्होंने सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों से समन्वय स्थापित कर डाटा पोर्टल में अपलोड करने का निर्देश दिया।
बैठक में उपायुक्त रंजन ने डेड बॉडी डिस्पोजल को लेकर भी जानकारी ली। उन्होंने संबंधित पदाधिकारी से पूछा की डेड बॉडी के डिस्पोजल में किसी तरह की परेशानी तो नहीं आ रही। साथ ही उन्होंने ब्लड डोनेशन कैंप और कंटेनमेंट जोन के बनाने लिए बैरिकेडिंग करने वाली टीम के बारे में भी संबंधित अधिकारी से जानकारी ली और कहा कि बैरिकेडिंग टीम को सभी इंसिडेंट कमांडर के साथ टैग करें ताकि तत्काल कार्य पूरा किया जा सके।