गणपति बप्पा मोरया, नारों से भक्तिमय हुआ वातावरण

Vijay Kumar Mishra
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सर्वत्र कोरोना का डर, गणपति बप्पा पधारे घर-घर

गणपति बप्पा मोरया नारों से भक्तिमय हुआ वातावरण

लोहरदगाः गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेश उत्सव हर वर्ष सार्वजनिक कार्यक्रमों के बीच धूमधाम से मनाया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना संकट काल के चलते गणपति बप्पा घर-घर में पधारे हैं। लोहरदगा जिले के कुड़ू, किस्को, भंडरा सेन्हा, कैरो आदि प्रखंडों में शनिवार को श्रद्धालु एवं भक्तजन घर में ही मूर्ति स्थापित करके पूजा अर्चना कीं। अनन्त पाठक जी के मुताबिक भाद्रपद शुक्लपक्ष चतुर्थी संवत्सर विक्रम संवत 2077 चतुर्थी तिथि इस साल 21 अगस्त को रात्रि 11 बजकर 3 मिनट से प्रारंभ हुई जो कि 22 अगस्त शाम 7 बजकर 57 मिनट तक रही। इस बार गणपति महाराज की स्थापना हस्त नक्षत्र के साध्य योग में हुई, वहीं चंद्रदेव कन्या राशि में रहे। घरों में विध्न विनाशक गणेश जी की स्थापना के साथ ही घर-घर से ‘गणपति बप्पा मोरया’ की आवाज से वातावरण भक्तिमय हो गया। गणेश चतुर्थी के चलते शुक्रवार से ही लोगों में उत्साह देखने को मिला। शहर में विभिन्न मार्केट में स्थित पूजा सामग्री की दुकानों से भक्तों ने गणपति जी की मूर्ति खरीदीं। मूर्तिकारों ने बताया कि कोरोना संकट काल में गणेश चतुर्थी के कारण रोजगार मिला है। बड़ी संख्या में लोगों ने मूर्ति खरीदी हैं। श्रद्धालुओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। दस दिन तक मनाया जाने वाला यह उत्सव अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होगा। उसी दिन बप्पा की विदाई भी की जाएगी। शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक हर तरफ बप्पा की धूम मची है। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण इस बार सामूहिक कार्यक्रम नहीं हुई। वहीं शुक्रवार व शनिवार दोनों दिन भगवान गणेश की मूर्तियों की खरीदारी करने के लिए दुकानों पर श्रद्धालुओं द्वारा खरीदारी की गई। भगवान की मूíत के साथ वस्त्र, फल, मिठाई समेत पूजा की सामग्रियों की खरीदारी की गई। साथ ही घरों के लिए भी भगवान की छोटी-छोटी मूर्तियां खरीदी जा रही थी।

 

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