रिपोर्ट : देवनारायण गंझू
ग्रामीण महिलाओं ने मोनेट का काम बंद कराया,वार्ता के बाद हुआ चालू
खलारी ।सीसीएल एनके एरिया के विस्थापित गांव की महिला मजदूरों ने रोजगार देने की मांग को लेकर मोनेट कोल वाशरी का काम बंद कराया ।देर शाम वार्ता के बाद काम चालू किया गया।शनिवार की सुबह अपने घोषित आंदोलन के तहत महिला मजदूरों को पुनः काम पर रखने की मांग को लेकर दर्जनों महिलाएं एव जनप्रतिनिधि मोनेट कोल वाशरी पहुँचे।गेट के समक्ष जमकर नारेबाजी की ।महिलाओं ने बताया गया कि जिस समय मोनेट कोल वाशरी खुल रहा था उस समय यहां के महिला मजदूर ठेकेदार के माध्यम से मोनेट की नींव रखने के समय काम किये।प्लांट चालू होने पर लोगों को ठेकेदार के माध्यम से रोजगार भी मिला जो करीब 12 वर्षों तक चला.।लेकिन कोरोना काल में प्लांट बन्द होने के बाद मजदूरों को काम से निकाल दिया गया जिसके बाद से प्लांट चालू होने के बाद अब तक वासरी में सभी महिला मजदूरों को नौकरी नहीं दी गई।इस वासरी में 25 महिला मजदूर काम करते थे जिनमें से मात्र 6 लोगों को ही फिर से काम में रखा गया है।और बारी बारी से काम दिया जाता है।जिसमें महीने में मात्र 7 या 8 दिन की हाजरी ही दी जाती।ऐसे ऐसे हालात में घर चलाना काफी मुश्किल हो गया है।इधर जिला परिषद सदस्य रतिया गंझू ने कहा कि मोनेट कोल वाशरी को काम कर रही महिला मजदूरों को वापस रखना होगा क्योंकि इन मजदूरों ने वाशरी को यहाँ तक पहुचाने में अपना मेहनत और पसीना बहाया है ।इन्हें पुनः मोनेट रोजगार दे।मोनेट प्रबंधन ने ग्रामीण महिला मजदूरों की मांगों को लेकर रैयत बिस्थापित मोर्चा के साथ रोजगार के मुद्दे पर वार्ता की।वार्ता में कहा गया कि दस अगस्त को मोनेट प्रबंधन तथा कॉन्ट्रेक्टर के बीच वार्ता कर हल निकालने का प्रयास किया जायेगा।वार्ता में प्रबंधन की ओर से डीजीएम मनोज कुमार स्वाई तथा मोर्चा की ओर से बिगन सिंह भोगता, नरेश गंझू,अनिता एक्का,सुनीता देवी,श्याम उराँव,संजीत सिंह,शम्भूनाथ गंझू,रमेश गंझू,सावित्री देवी,आरती देवी,फुलमनी देवी,शांति देवी,प्रिया देवी, देवन्ति देवी सहित कई लोग शामिल थे