घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों का सत्याग्रह आंदोलन जारी
Ranchi : राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभाग एवं विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक अपनी माँग हेतु राजभवन के सामने अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन पर बैठे रहे। झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के प्रदेश संरक्षक डॉ ०एस०के०झा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले वर्ष प्रतिपक्ष में रहते हुए हमसभी शिक्षकों से वादा किया था कि हमारी सरकार बनने पर आपसबों की माँग पूरी की जायेगी। परंतु आज इस सत्य से हमारी सरकार न सिर्फ विमुख हो चुकी है, बल्कि तीन वर्षों तक सेवा लेने के बाद 31 मार्च से इनकी सेवा को ही समाप्त कर रही है। अतः सरकार द्वारा किये गये अपने वादे का पालन करने का आग्रह करने के लिए उच्च शिक्षा में कार्यरत शिक्षकगण सत्याग्रह आंदोलन पर शांति मय तरीके से बैठे हैं।उच्च शिक्षा विभाग के संकल्प संख्या-04/वि०-1-135/ 2016-01,दिनांक 01.01.2021 के कंडिका संख्या- 3 (ख) में कर्णांकित घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों के पुनर्चयन हेतु नये पैनल के गठन का निर्देश देकर इन शिक्षकों के साथ सरासर अन्याय किया है।जिसे अविलंब संशोधित करने एवं पूर्व के पैनल (02.03.2017)पर कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को निश्चित मासिक मानदेय के साथ 65 वर्षों की आयु तक सेवा विस्तार करने की मांग सरकार से की गयी है।
झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के प्रदेश सचिव डॉ ०प्रभाकर कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग, झारखंड सरकार ने वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों का अल्प अवधि 31 मार्च,2021तक के लिए सेवा विस्तार कर हम शिक्षकों को नैसर्गिक न्याय से वंचित रखा है। बीबीएमकेयू संघ के अध्यक्ष डॉ०हिमांशु ने कहा कि इससे पूर्व उच्च, तकनीकी, शिक्षा एवं कौशलविकास विभाग के संकल्प सं-4/वि०-135/2016/516, दिनांक 02.03.2017 के आलोक में यू०जी०सी०अर्हता के आधार पर कुलपति महोदय /महोदया की अध्यक्षता में गठित चयन समिति तथा बाह्य विषय-विशेषज्ञ की उपस्थिति में साक्षात्कार और शैक्षणिक अंक के प्राप्तांक के आधार पर, रोस्टर प्रणाली का पालन करते हुए स्वीकृत रिक्त पदों पर तैयार मेधा सूची से अनुशंसित विभिन्न अंगीभूत महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापक विगत तीन वर्षों से कार्यरत हैं। जिनके पैनल अवधि का विस्तार उक्त संकल्प के* *कंडिका-03(क)के द्वारा अल्प समयावधि 31.03.2021तक के लिए किया गया है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय संघ के सचिव डॉ ०चंद्रकांत कमल ने कहा कि पुनः नये पैनल का गठन उसी प्रक्रिया के आधार पर करना सर्वथा अनुचित है।इस आशय की जानकारी महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति महोदया, माननीय मुख्यमंत्री महोदय, उच्च शिक्षा सचिव व उच्च शिक्षा निदेशक महोदय को भी दी गयी है।
कोल्हान विश्वविद्यालय संघ के सचिव डॉ ०अंजना ने कहा कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रकाशित होने वाले विज्ञापन पर अविलंब रोक लगाते हुए वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों के पैनल का विस्तार 65 वर्षों की आयु तक, निश्चित मासिक मानदेय के साथ किया जाय ,तदुपरांत रिक्त पदों पर विज्ञापन प्रकाशित किया जाय। इन शिक्षकों ने अपनी माँगों से सरकार को अवगत कराया था।पर अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया गया । फलत:28 जनवरी से अनुबंध सहायक प्राध्यापक अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन पर बैठे हैं।
दूसरे दिन ज़ाकिर हुसैन पार्क , राजभवन राँची मे उपस्थित विभिन्न विश्वविद्यालयों के घंटी आधारित संविदा सहायक प्राध्यापकों मे डॉ नीरजधर दूबे, डॉ०सुमंत कुमार , डॉ राजेन्द्र प्रसाद , डॉ मंटू कुमार सिंह , डॉ० बी. एन .साहू , डॉ० टेटरु ऊराॅव , डॉ०चंद्रशेखर राय , डॉ साधना कुमारी , डॉ व्यास कुमार , राजू कुमार बड़ाईक , डॉ बासुदेव प्रजापति , राजीव कुमार , डॉ गोपीनाथ पांडे , चंद्र कांत कमल , श्वेता राज , डॉ हिमांशु कुमार पांडे , डॉ कौशिक हलधर , तिलेश्वर रविदास , विनोद कुमार एक्का , पूनम कुमारी , सचिन्नानाद मैथी , डॉ दीपक कुमार , डॉ जितेश पासवान , बडीजम्मान , डॉ राजन कुमार , जहांगीर आलम , सुनीता कुमारी उरांव , डॉ संजय कुमार , डॉ लता कुमारी , डॉ अजित कुमार हांसदा , डॉ नितिन कुमारी मिश्रा , डॉ सोहन मुंडा , डॉ टेटरू उरांव , बिंदेश्वर साहू , वरुण तिवारी , देवेंद्र साहू , डॉ श्रवण कुमार तिवारी , अरविंद पासवान , डॉ अन्नपूर्णा झा आदि सैकड़ो की उपस्थिति रही ।