झारखंड की कला लोक संस्कृति को राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने वाले मधु मंसूरी पद्मश्री से सम्मानित
मधु मंसूरी हंसमुख को रैयत विस्थापित मोर्चा क्षेत्रीय समिति पिपरवार ने दी बधाई
पिपरवार।झारखंड के प्रसिद्ध लोक गायक मधु मंसूरी हंसमुख जिन्होंने कई नागपुरी गीत लिखा और गाया है। झारखंड में अलग राज्य के आंदोलन के समय भी उन्होंने कई गीत लिखा और गाया है जिनमें से एक प्रसिद्ध गांव छोड़ब नहीं जंगल छोड़ब नहीं माय माटी छोड़ब नहीं लड़ाई छोड़ब नहीं भी है। 2011 में झारखंड सरकार के द्वारा इन्हें झारखंड रत्न से नवाजा गया और वर्तमान में भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री से सम्मानित किया जाना झारखंड का के लिए गर्व की बात है, इसके अलावे छऊ नृत्य के गुरु शशिधर आचार्य को भी पद्मश्री मिलना झारखंड के लिए बड़ी उपलब्धि है। रैयत विस्थापित मोर्चा पिपरवार क्षेत्रीय समिति इन दोनों युग पुरुषों को हार्दिक बधाई देती है साथ ही देश के राष्ट्रपति के प्रति आभार प्रकट करती है। और आशा उम्मीद करती है कि झारखंड में अभी भी और भी प्रतिभावान शख्सियत हैं उन्हें भी पुरस्कार देने का काम राष्ट्रपति महोदय करें। बधाई देने वालों में मुख्य रूप से मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष इकबाल हुसैन सचिव रामचंद्र उरांव जेपी महाराज महेंद्र गंझू हरिनारायण गंझू जितेंद्र राम कृष्णा यादव मोहम्मद जुल्फान इदरीस अंसारी सीएचपी शाखा अध्यक्ष विजय महतो सीएचपी शाखा सचिव सूरज मुंडा रामबालक गंझू रचित गंझू मुनेश मुंडा देवनाथ महतो पंकज कुमार दास राहुल राम नीरज राम इंद्रजीत उरांव दिरपाल टाना भगत समेत तमाम लोगों ने बधाई दी।