तसर संस्‍थान में अनुसंधान सलाहकार समिति की बैठक, जैव प्रौद्योगिकी पर विचार मंथन सत्र का हुवा आयोजन

Vijay Kumar Mishra
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Ranchi : केन्‍द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्‍थान नगडी, राँची में दिनांक 16.06.2022 को अनुसंधान सलाहकार समिति की 50वीं बैठक तथा जैव प्रौद्योगिकी पर विचार मंथन सत्र का आयोजन किया गया । इस बैठक में कुल 13 संचालित परियोजनाओं एवं 02 सम्‍पन्‍न परियोजनाआों की समीक्षा की गई । साथ ही 19 अनुसंधान संकल्‍पना नोट पर भी चर्चा की गई । बैठक की अध्‍यक्षता प्रो.ओंकार नाथ सिंह, कुलपति, बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय, राँची ने की । बैठक में डॉ.एन.कृष्‍ण कुमार, अध्‍यक्ष, आरएसी, एसबीआरएल, बेंगलूर को विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया गया था । बैठक के आरम्‍भ में संस्‍थान के निदेशक डॉ.के.सत्‍यानारायण ने अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में संस्‍थान द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्‍तुत किया । उन्‍होंने कहा कि संस्‍थान में तसर रेशम के उप उत्‍पादों/अवशिष्‍टों के द्वारा मूल्‍यवर्धन की दिशा में कार्य प्रगति पर हैं इससे भविष्‍य में अतिरिक्‍त आय के साधन उपलब्‍ध होंगे । बैठक में विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित डॉ.एन.कृष्‍ण कुमार ने विचार व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि जैव प्रौद्योगिकी के बारे में अब आम धारण बदल रही है । हमें अपने निम्‍नतर आय वर्ग का सहयोग करना होगा तथा उन्‍हें अधिकाधिक लाभान्वित करने पर अपने अनुसंधानों को केंद्रित करना होगा । हमें रेशम वस्‍त्र की उत्‍पादन लागत, प्रौद्योगिकी लागत को कम करने की दिशा में भी अनुसंधान करने की आवश्‍यकता है । जैव प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्‍ली से उपस्थित डॉ.असलम, सलाहकार ने कहा कि अब हम प्रौद्योगिकी विकास पर फोकस कर रहे हैं । स्‍टार्टअप के माध्‍यम से रेशम उद्योग को काफी आगे ले जाया जा सकता है । हमें समय की माँग के अनुरूप अनुसंधान परियोजनाएँ प्रतिपादित करनी होंगी ।

बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए प्रो.ओंकार नाथ सिंह ने सर्वप्रथम संस्‍थान की 50वीं (स्‍वर्ण जयंती) बैठक के लिए सभी को हार्दिक बधाई दी । उन्‍होंने कहा कि हमें जैव प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी को अनुसंधान के क्षेत्र में अद्यतित करना होगा । इसके लिए युवा वैज्ञानिकों को नवीनतम् टूल्‍स का उपयोग करते हुए ऐसे अनुसंधान करने चाहिए जिससे इस उद्योग से जुड़ी गरीब एवं आदिवासी आबादी को सीधा लाभ मिल सके । जैव प्रौद्योगिकी के माध्‍यम से रेशम उद्योग के क्षेत्र में आगामी कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं ।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्‍थान नगडी, राँची का बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय तथा तसर विकास संघ, देवघर के साथ तसर क्षेत्र में अनुसंधान एवं विस्‍तार पर दो समझौता ज्ञापन भी हस्‍ताक्षरित किए गए । इस दौरान चार तकनीकी प्रसार बुलेटिन का विमोचन भी किया गया । इस अवसर पर डॉ.सुभाष नायक वी., निदेशक, केन्‍द्रीय रेशम प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्‍थान, बेंगलूर, डॉ.नितिन कुलकर्णी, निदेशक, वन उत्‍पादक संस्‍थान, राँची, डॉ.अरुणव पटनायक, निदेशक, आईआईएबी, राँची, डॉ.पी.के.मिश्रा, निदेशक (सेवानिवृत्‍त), केन्‍द्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलूर, डॉ.एन.कुदादा, रजिस्‍ट्रार, बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय, राँची, डॉ.शमशाद आलम, प्रदान, झारखण्‍ड, श्री निरंजन तिर्की, उप निदेशक, रेशम निदेशालय, झारखण्‍ड तथा डॉ.एस.मंथिरा मूर्ति, वैज्ञानिक-डी, केन्‍द्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलूर भी उपस्थित थे । बैठक में संस्‍थान के समस्‍त वैज्ञानिकों ने भाग लिया । कार्यक्रम का संचालन  सुस्मिता दास, वैज्ञानिक-डी ने किया ।

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