प्रणव दा ” व्यक्ति नही संस्था : मुख्यमंत्री

Vijay Kumar Mishra
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“प्रणव दा ” व्यक्ति नही संस्था

✒️हेमंत सोरेन ✒️

भारत रत्न प्रणव दा के निधन से राजनीति के एक युग का अंत हुआ है। प्रणव दा एक ऐसे नेता रहे जो कांग्रेस पार्टी से सम्बद्ध रहने के बावजूद सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रति सदभावना, आदर और प्रेम का भाव बानाये रखते थे।
मुझे आज वो पल याद आ रहें है जब प्रणव दा राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे थे।प्रणव दा UPA समर्थित उम्मीदवार थे। उस समय झामुमो भाजपा के साथ झारखंड सरकार में शामिल था। मैं उप मुख्यमंत्री था। स्वाभाविक तौर पर प्रणव दा झामुमो से समर्थन की उम्मीद नही कर रहे थे। क्योंकि स्वर्गीय संगमा NDA समर्थित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे। मुझे याद है जिस समय स्वर्गीय संगमा साहब और प्रणव दा हर राज्य जा कर समर्थन मांग रहे थे। उसी समय एक दिन अचानक दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी ने मुझे बुलाया और पूछा कि प्रणव दा हर जगह जा रहे है हम लोगों से संपर्क क्यों नही कर रहे। मैंने उन्हें कहा कि अभी झामुमो भाजपा के साथ सरकार में शामिल है और भाजपा ने संगमा साहब को समर्थन दिया है इसलिए प्रणव दा ये समझ रहे है कि झामुमो ,भाजपा समर्थित उम्मीदवार को अपना वोट देगा। मुझे याद है तब दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी ने बिल्कुल डांटते हुए कहा कि प्रणव दा एक व्यक्ति नही बल्कि खुद में एक संस्था है। प्रणव दा ने अपने राजनीतिक अनुभव और ज्ञान सभी दलों के नेताओं से साझा किया और मार्ग दर्शन दिया है इसलिए प्रणव दा को ये खबर भिजवाओ कि झामुमो उन्हें समर्थन करेगा। दिशोम गुरु के आदेश होते ही मैंने पहले दिशोम गुरु फिर मेरे राजनीतिक सलाहकार रहे हिमांशु जी के माध्यम से प्रणव दा तक ये बात पहुँचाई कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का आदेश है कि झामुमो प्रणव दा को वोट करे। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के माध्यम से हिमांशु जी की प्रणव दा से बात हुई। प्रणव दा इस जानकारी को स्वीकार नही कर पा रहे थे। प्रणव दा ने जानकारी की सत्यता को जाँचने मुझे फ़ोन किया। जब मैंने उन्हें ये कहा कि ये आदरणीय गुरु जी यानी शिबू सोरेन जी का आदेश है तो ये सुन चंद पल खामोश रहने के बाद उन्होंने कहा मैं जल्दी ही शिबू सोरेन जी से मिलने रांची आऊँगा। राष्ट्रपति चुनाव प्रचार की समय अवधि खत्म होने से पहले वो रांची पहुँचे और दिशोम गुरु शिबू सोरेन से उनके रांची स्थित आवस में मिले। उस दौरान दिशोम गुरु शिबु सोरेन ने प्रणव दा को कहा कि आपको आने की कोई जरूरत नही थी,मैं आपका बहुत आदर करता हूँ ।प्रणव दा ने तत्काल गुरु जी से कहा जिस व्यक्ति के सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन का मैं मुरीद हूँ वो मेरा आदर करता है ये सम्मान आजीवन याद रखूंगा। मुझे याद है उस दिन दिशोम गुरु शिबु सोरेन के सामने प्रणव दा ने मेरे सर पर हाथ रखते हुए कहा, तुम से मुझे बहुत उम्मीद है मेहनत करो निराश मत करना। उसके बाद कई बार उनसे मिला हर बार उनसे स्नेह ,प्यार और आशीर्वाद मिला। मैं और मेरी पार्टी दिवंगत आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ।

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