प्रेस क्लब के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्यपाल से मिले,पत्रकारों की समस्याओं से कराया अवगत
वीडियो जर्नलिस्ट बैजनाथ महतो पर हुए हमले के संबंध में सरकार को स्पीडी ट्रायल कर न्याय दिलवाने की मांग की
द रांची प्रेस क्लब के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राजेश सिंह की अध्यक्षता में माननीय राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की । प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को रांची के वरिष्ठ वीडियो जर्नलिस्ट बैजनाथ महतो पर हुए हमले के संबंध में जानकारी दी। वहीं इस मामले में सरकार को स्पीडी ट्रायल के लिए निर्देशित करने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष राजेश सिंह के साथ सचिव अखिलेश सिंह, सह सचिव जावेद अख्तर, कार्यकारिणी सदस्य सुशील सिंह मंटू शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने निम्न मांगे माननीय राज्यपाल के समक्ष रखीं :
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राज्य में पत्रकार भय के माहौल में काम कर रहे। रांची, धनबाद, जमशेदपुर, सरायकेला- खरसांवा समेत कई जिलों में पत्रकारों पर हमले व फर्जी मुकदमें दर्ज कराए गए हैं। ऐसे में निवेदन है कि पत्रकारों पर दर्ज मामलों की जांच जिला पुलिस के बजाय सीआईडी से एक तय समयसीमा के अंदर करायी जाए, साथ ही पत्रकारों की सुरक्षा संबंधी कानून भी राज्य में लागू किया जाए।
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राज्य में कोविड काल में खबरों के संकलन की जिम्मेदारी निभाते हुए कई पत्रकार संक्रमित हुए, जिसमें 30 से अधिक पत्रकारों की जान जा चुकी है। लेकिन राज्य सरकार ने हाल ही में विधानसभा में जवाब दिया कि कोविड से राज्य में किसी पत्रकार की मौत की सूचना आंतरिक या बाह्य स्रोत से नहीं दी गई है। मान्यवर प्रेस क्लब ने इससे संबंधित पत्र राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को कई बार प्रेषित किया है। निवेदन है कि मृत पत्रकारों के आश्रितों के लिए मुआवजा व योग्यता के आधार पर आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए। जैसा की हमारे पड़ोसी राज्यों ने किया है।
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पत्रकारों के लिए सामूहिक स्वास्थ्य बीमा लागू किया जाए, पूर्व से लागू पत्रकार पेंशन योजना का भी सरलीकरण हो ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभांवित हो सकें।
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पीआरडी की एक्रीडिटेशन कमिटि में प्रेस क्लब के अध्यक्ष, सचिव या उनके प्रतिनिधि का होना अनिवार्य हो।
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हमारे द्वारा लगातार पत्राचार व संवाद किए जाने के बावजूद अब तक रांची प्रेस क्लब के भवन का हैंडओवर नहीं हो पाया है। इस निमित्त भी अधिकारियों को निर्देशित करने की कृपा की जाए।