बी.आई.टी. (बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान) मेसरा के 69वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आयोजित समारोह को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जब भी मैं बीआईटी मेसरा के परिसर में आता हूं, अलग ही अहसास होता है। मैं आज यहां बतौर मुख्यमंत्री आपके समक्ष उपस्थित हूं। मैं यहां का छात्र रहा हूं औऱ आज बीआईटी मेसरा के वाइस चांसलर मुझे चीफ मिनिस्टर साहब कह कर संबोधित कर रहे हैं। यह एक ऐसा अनुभव है जिसको मैं स्वयं ही समझ सकता हूं। हमने ऐसा वक्त इस परिसर में बिताया है जब हमारा देश एक बड़े रिफॉर्म्स की और बढ़ रहा था। सभी राज्य वासियों के लिए गौरव की बात है कि वर्ष 1952 में देश का यह तीसरा तकनीकी संस्थान झारखंड प्रदेश में स्थापित हुआ। मुझे लगता है कि देश आजाद होने के बाद इस राज्य को इंडस्ट्रियलिस्ट हो या साइंटिस्ट हो चाहे नई ऊंचाइयों को छूने की चाह रखने वाले लोग हों सभी ने अलग-अलग तरीके और नजरों से सजाने और संवारने का प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि बीआईटी मेसरा देश का तीसरा बड़ा तकनीकी संस्थान है। इसी प्रकार का देश का भारी उद्योग इंडस्ट्री संस्थान एचईसी, देश का पहला फर्टिलाइजर इंडस्ट्री इसी राज्य में बना। एशिया का सबसे बड़ा स्टील इंडस्ट्री बोकारो स्टील प्लांट भी इसी राज्य में बना। इसी राज्य में देश का पहला माइनिंग इंस्टिट्यूट खुला। झारखंड प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहां नेतरहाट स्कूल है। इस स्कूल से बड़ी संख्या में आईएएस एवं आईपीएस भी बनकर लोग बाहर निकले हैं। कल ही देश ने एक चंद्रयान रवाना किया है और इस चंद्रयान का प्लेटफार्म एचईसी से बनकर गया है। इस तरह इस राज्य को अपने संस्थानों पर पूरा गर्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआईटी मेसरा आज नए आयाम को छू रहा है और इसके पीछे कारण यह है कि इसके साथ जुड़े हुए लोग और उनका कठिन परिश्रम औऱ ईमानदार प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआईटी के लगभग 10 हजार बच्चे अलग-अलग इकाइयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, हजारों की संख्या में उससे जुड़े टीचिंग, नॉन टीचिंग सदस्य कई चुनौतियां और समस्याओं का समाधान निकालते हुए संस्थान को बुलंदियों तक पहुंचा रहे हैं। आज शायद कॉलेज में छुट्टियां चल रही हैं नहीं तो इस हॉल में बैठने का जगह तक नहीं मिलता। यह संस्थान निरंतर आगे बढ़ रहा है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि आज एक छात्र होने के नाते भी मैं यहां पर हूं और यह कह सकता हूं कि आज एक गार्जियन के रूप में भी आप सभी के बीच में मौजूद हूं। दोनों जिम्मेवारी मुझे निभाने का मौका मिला है। मैं आज इस मंच से कहता हूं कि बीआईटी मेसरा से संबंधित जो भी समस्याएं हैं उसका समाधान अवश्य होगा। इसके लिए राज्य सरकार सिंगल विंडो बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा की बेहतरी के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है । हमने राज्य भर में 80 स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस स्थापित किए हैं। यहां आईआईएम से प्रशिक्षित शिक्षकों को बहाल किया जा रहा है ताकि हम यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां आदिवासी, दलित, और अल्पसंख्यकों के वैसे छात्र-छात्राएं जो उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में पढ़ाई करना चाहते हैं उनका सारा खर्च सरकार वहन कर रही है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक गरीब और पिछड़ा राज्य है। ईश्वर ने इस राज्य में प्राकृतिक संसाधनों का भंडार दिया है। रेलवे को सबसे अधिक रेवेन्यू अगर कहीं से आता है तो वह हमारा झारखंड ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां यूरेनियम कॉरपोरेशन जैसी कंपनियां काम कर रही हैं। कोयला और लोहा यहां की जमीन में भरी पड़ी है । यहां खनिज संपदा के साथ खूबसूरत वादियां भी हैं जहां पर्यटन के विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मैं कुछ दिनों पहले ही गढ़वा जिले के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में गया था। बूढ़ा पहाड़ में जाने का कोई रास्ता नहीं घनघोर जंगल और नक्सलियों का केंद्र के रूप में देखा जाता था। हमारे कई जवानों ने वहां अपनी शहादत भी दी है। इन सभी के बीच हमारी सरकार ने संकल्प लिया कि हमें वहां के ग्रामीणों तक पहुंचना है । इन सभी पर कार्य योजना बनाते हुए राज्य सरकार बूढ़ा पहाड़ तक पहुंची। जब मैं वहां पहुंचा तो सीआरपीएफ के एक कमांडेंट मिले उन्होंने कहा कि मैं उत्तराखंड से आता हूं और मुझे ऐसा लग रहा है कि उत्तराखंड से भी खूबसूरत वादियां झारखंड में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन खूबसूरत वादियों पर अगर अच्छी नियत और सोच के साथ काम किए जाएं तो यहां की वादियां एक बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीआईटी मेसरा एक खूबसूरत संस्थान है। इस संस्थान में समय के साथ कई चीजें बदली हैं और आगे भी कई बदलाव होंगे । इस कैंपस से मुझे काफी लगाव रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में यह आवश्यक है कि पर्यावरण संतुलन पर ध्यान रखा जाए। अगर वर्तमान समय में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हुए विकास के नए आयाम को छूने की कोशिश होगी तब एक दिन ऐसा भी आएगा जब इसका भयावह परिणाम यहां के जनमानस को भुगतना पड़ेगा। चुके हैं। पर्यावरण के साथ सामंजस्य बैठाकर विकास कार्य करने होंगे तब ही चीजें संतुलित हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों नीति आयोग की टीम के साथ हमारी बैठक हुई थी हमने उनसे यह पूछा कि केंद्र सरकार की उपकरण सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल सहित कई कंपनियां राज्य में माइनिंग कार्य कर रही है। जब माइनिंग खत्म हो जाएगा तब उस क्षेत्र के विकास के लिए आपके पास कोई रोड मैप अथवा ब्लू प्रिंट तैयार है या नहीं? क्योंकि खनिज संपदा अनलिमिटेड तो नहीं हो सकती हैं । मुझे लगता है कि जब माइनिंग के स्रोत समाप्त होंगे तब परिस्थितियां कितनी भयावह होंगी इसका आकलन अभी से ही करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमारी सरकार कृत संकल्प है। हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया है कि शहरों में रहने वाले लोग अपने आवासीय परिसर पर फलदार वृक्ष लगाएंगे तो उन्हें पांच यूनिट बिजली मुफ्त दिया जाएगा।
इस अवसर पर बीआईटी के वाइस चांसलर डॉ. इंद्रनील मन्ना सहित अन्य गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।