Ranchi : भाजपा और उसके पूर्व मंत्रीगण राज्य की जनता के द्वारा विगत विधानसभा चुनाव में नकारे जाने को पचा नहीं पा रहे हैं। साथ ही साथ राज्य में दूरदर्शिता और मजबूत इरादे के साथ जनहित में कार्य करने वाली गठबंधन सरकार की लोकप्रियता से घबरा गए हैं। यही कारण है कि पूरे कोरोना महामारी कालखंड में जनता के बीच जाने के बजाय लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने के नीयत से या तो चिटठी लिखने के काम अथवा एसी कमरों में बैठकर प्रेसवार्ता कर मीडिया के माध्यम से जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उक्त बातें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचन्द्र चन्द्रवंशी के द्वारा प्रेस को दिये बयान के प्रतिक्रिया स्वरूप प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा। उन्होंने कहा कि विगत भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य विभाग में वितीय अनियमितता एवं घोटालों को गिनाना चन्द्रवंशी जी शायद भूल गए। स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार राज्य को बदहाल रखने के बाद भी पूर्व मंत्री अगर इसे अपनी उपलब्धी के रूप में गिनाते है तो यह हस्यास्पद है। संवेदनशील गठबंधन की सरकार के लगातार कोशिश के वजह से ही कोरोना संकट से निपटने में राज्य ने कामयाबी हासिल की है। यही कारण है कि आज कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का 98 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
चन्द्रवंशी जी की उपलब्धी यही थी कि उनके कार्यकाल के दौरान कुपोषण से झारखंड के नौनिहालों, (बच्चों) की मौतों का प्रतिशत बढ़ा था, लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ा था। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे के अनुसार 47.8 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हुआ करते थे। रघुवर सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में हजारों बच्चों की मौतें उनकी उपलब्धी रही थी।
राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश की जनता ने 1.33 करोड़ रूपये का दवा खरीद घोटाला को अभी तक भूलाया नहीं है। वो रामचन्द्र चन्द्रवंशी जी का ही कार्यकाल था, जब बच्चों को घटिया दवाई पिलाई गई थी। वो चन्द्रवंशी जी का ही कार्यकाल था जब 50 रूपया के कारण रिम्स में बच्चे का इलाज नहीं हो पाया था। लेकिन वितीय अनियमितता करते हुए 29.98 लाख के उपकरण (इंसिनेटर) की खरीद हुई जो बेकार पड़े रहे। उपलब्धियों को गिनाने से पहले चन्द्रवंशी जी के कार्यकाल में 92 फीसदी विशेषज्ञ डाॅक्टरों, 61 फीसदी चिकित्सा पदाधिकारी एवं 27 फीसदी स्टाफ नर्स, एएनए और 52 फीसदी पारा मेडिकल कर्मियों की कमी लगातार बनी रही जो बिरासत में महागठबंधन सरकार को मिली है। इसके बारे में भी चन्द्रवंशी जी को बताना चाहिए था।
रिम्स रांची तथा पीएमसीएच धनबाद में मेडिकल उपकरणों की खरीद का मामला बाजार दर से अधिक दर पर 20 करोड के उपकरण 45 करोड़ में खरीदने का मामला वर्ष 2018 में जांच के बाद तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव निधि खरे के द्वारा दिये गए जांच आदेश के बाद सामने आया था जांच रिपोर्ट में कहा गया था मुताबिक टेक्नीकल और फाईनेंशिएल बिड एक ही कमिटी परचेज कमिटी के द्वारा खोला जाता है। जबकि जांच में यह पाया गया कि रिम्स में टेक्नीकल बिड खोलने के लिए अलग से टेक्नीकल बिड बनाई गई थी जिसमें निविदा में दो फाॅमों के साथ मिलकर वितीय अनियमितता को अंजाम दिया था। इस उपलब्धी को भी चन्द्रवंशी जी को गिनवाना चाहिए था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि विगत भाजपा सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमारी हुई थी, विकास के नाम पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचन्द्र चन्द्रवंशी के नाम पर कई शैक्षणिक संस्थान, इंजीनियरिंग काॅलेज, अस्पताल अवश्य खुले जबकि फर्जी ग्रेडिंग एजेंसी के द्वारा N रैंकिंग के नाम पर स्वास्थ्य व्यवस्था में प्रथम स्थान पर दिखा कर राज्य की जनता को गुमराह करने के सिवाय कुछ भी नहीं किया गया।