भूरैयत संघर्ष मोर्चा द्वारा 1 दिसंबर से मगध परियोजना में आंदोलन की चेतावनी

Frontline News Desk
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भूरैयत संघर्ष मोर्चा द्वारा 1 दिसंबर से मगध परियोजना में आंदोलन की चेतावनी

 

 

 

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लातेहार/बालुमाथ :  मगध कोल परियोजना क्षेत्र में भूरैयतों का आक्रोश अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ महिनों से जहां टंडवा प्रखंड क्षेत्र में पड़ने वाला कुंडी कोल परियोजना विस्तारीकरण के लिए देवलगडा के आदिवासी भूरैयतों द्वारा अपनी जमीनें देने से इंकार किए जाने के कारण कोल उत्खनन व परिवहन बाधित है। वहीं आउटसोर्सिंग कंपनी रेड्डी भी बड़े पैमाने पर स्थानीय कामगारों को बेरोजगार अपना कारोबार बालूमाथ के चमातु कोल माइंस में पूरी तरह से शिफ्ट कर चुका है। बावजूद दो जिलों चतरा व लातेहार जिले में विस्तारीकरण की ओर अग्रसर मगध कोल परियोजना का संकटों से पीछा छूटने का नाम नहीं ले रहा है। परियोजना के विस्तारीकरण के लिए अपनी जमीनें देने वाले फुलबसिया ऊर्फ अमरवाडी़ह के भूरैयत अब आगामी 1 दिसंबर से विशद आंदोलन करने का मूड़ बना चुके हैं। इसके लिए बकायदा लिखित पत्र मगध परियोजना कार्यालय में 13 नवंबर को सौंपे गए प्राप्ति पत्र पीओ 22-23/3353 के अनुसार भूरैयतों ने अपनी मांगों में गैरमजरुआ भूमि का समतुल्य मुआवजा व सत्यापन गांव में हीं करने तथा प्रबंधन को सौंपे गए लगभग 200 एकड़ जमीन का सत्यापन शीघ्रता से कराने की मांग की गई है। वहीं प्रबंधन द्वारा मांगों पर सकारात्मक पहल व विलंब किए जाने से भूरैयतों में ठगी व धोखाधड़ी की आशंका जताते हुए उनमें घोर आक्रोश देखा जा रहा है।फुलबसिया भूरैयत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवदीप साव व संरक्षक युगेश्वर राणा ने बताया कि भूरैयतों का निर्णय अटल है।मांगें पूरी नहीं होने पर शांतिपूर्ण तरीके से कोल उत्खनन व सड़क से कोल परिवहन बाधित किया जाएगा। बहरहाल घोषित आंदोलन का रुख कैसा अख्तियार करता है इसपर लोगों की निगाहें टिकी हुई है।

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