डॉ रामदयाल मुंडा की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर वृक्षारोपण किया।
Ranchi: माण्डर विधायक बंधु तिर्की ने झारखंडी कला-संस्कृति को दुनियाभर में प्रचारित-प्रसारित करने वाले झारखंड के महान बौद्धिक एवं सांस्कृतिक शख्सियत पद्मश्री, शिक्षाविद,महान साहित्यकार एवं राँची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ रामदयाल मुंडा जी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर वृक्षारोपण किया।
इस मौके पर श्री तिर्की ने पद्मश्री डॉ मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा तमाड़ के दिउड़ी गांव में जो रांची से महज 60 किलोमीटर दूर है उसी सुदूरवर्ती गांव में 23 अगस्त 1939 को रामदयाल मुंडा का जन्म हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा अमलेसा लूथरन मिशन स्कूल तमाड़ से हुई।
उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा खूंटी हाई स्कूल से और रांची विश्वविद्यालय, रांची से मानव विज्ञान में स्नातकोत्तर किया. डॉ. मुंडा को अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन स्टडीज, भारत स्थित यूएसए एजुकेशन फाउंडेशन और जापान फाउंडेशन की तरफ से फेलोशिप भी प्राप्त हुई थी।
2010 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया.पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा ने कहा था “जे नाची से बाँची” उनका इस कथन आज के परिपेक्ष्य में झारखंडियों के लिए वृहद संदेश छुपी हुई है।
इस अवसर पर रितेश कुमार राजा,कुँवर पहान,सुरेंदर पासवान,वीरेंद्र उरांव, शंकर मुंडा,निशिकांत चौबे,दीवान महतो आदि उपस्थित थे।