मेरा वन, मेरा धन और मेरा उद्यम और यही मेरा संकल्प : अर्जुन मुंडा

Vijay Kumar Mishra
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रिपोर्ट सुदीप सिंह,बुढ़मू

 

बुढ़मू में झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन का,17 वां वार्षिक सम्मेलन में पहुंचे केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा।

       

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 मेरा वन, मेरा धन और मेरा उद्यम और यही मेरा संकल्प— अर्जुन मुंडा

 

 

 

 

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बुढ़मू : मेरा वन मेरा धन व मेरा उद्यम, और यही मेरा संकल्प। हर गांव के लोग संकल्प लेकर कार्य करें।मतलब यह मेरा है, और हम इसके हैं।केंद्र के माध्यम से रोजगरोन्मुखी कार्यक्रम चलाकर जंगल में रहने वाले लोग समृद्ध बन सकते हैं।उक्त बातें शनिवार को बुढ़मू के खुटेर में आयोजित एक दिवसीय झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के 17 वां वार्षिक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि अतिथि केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा बोल रहे थे

उन्होंने यह भी कहा कि हमारी जीवन  जल जंगल जमीन से जुड़ी है। और प्रकृति की रक्षा करना हमारा  कर्तव्य है। प्रकृति की रक्षा के लिए संकल्पित हम आदिवासियों का जीवन प्रकृति की रक्षा करने में ही निहित है। आज देखा जाए तो आदिवासी समाज से विकसित अन्य कोई समाज नहीं है। चुकी यह जानते हैं कि प्रकृति के साथ इन्हें कैसे  जीना है।

उन्होंने वनाधिकार कानून पर लोगों को अपने संबोधन में कहा कि वन पट्टा वन अधिकार पर जल्द ही राज्य में ओरिएंटल प्रोग्राम किया जाएगा।ज्यादातर लोग वनाधिकार कानून से अवगत नहीं है।इसके लिए राज्य के गांव गांव में जन जागरूकता अभियान चलाने की भी जरूरत है। और इसी मामले को लेकर आज हमने एक वृहद कार्ययोजना बनाए हैं जिसके तहत आज कुछ केंद्र खुले हैं और कुछ में कार्य चल रहा है।केंद्र के माध्यम से जल जंगल जमीन से जुड़े लोगों के लिए मेरा वन मेरा धन और मेरा उद्यम के तहत जंगल में रहने वाले लोगों के लिए रोजगरोन्मुखी कार्यक्रम शीघ्र चलाए जाएंगे। हमारे लिए वन ही धन है और वन ही उद्यम है। दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है, बहुत तेजी से दुनियां का विकास हो रहा है। यदि जीवन के मूल्यों को माना जाए तो आज के दौर में आदिवासी समाज से विकसित दूसरा कोई समाज नहीं है।

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कार्यक्रम के दौरान अर्जुन मुंडा के साथ मंच साझा कर रहे झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन के संस्थापक संजय बसु मल्लिक बरदंती जेना,वीरेन नायक, प बंगाल से आए शशांक देव,झरना अधिकारी,आजसू के देवशरण भगत,सहित अन्य अतथियों नें भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

कार्यक्रम पूर्व लोगों ने पेड़ो में  रक्षा सूत्र बांधकर जंगल बचाने का भी  संकल्प लिया।कार्यक्रम का संचालन सुराजमनी भगत ने किया ।जबकि धन्यवाद ज्ञापन संजय बसु ने किया। वहीं कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों से आए हजारों लोग शामिल थे।

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