रांची पुलिस ने आठ उग्रवादियों को दबोचा
बबलू पर हुए हमला के पीछे टीपीसी का हाथ
कोयला व्यवसायी बबलू मुंडा पर हुए फायरिंग मामले पर रांची पुलिस को बडी कामयाबी मिली है. पुलिस आठ कुख्यात अपराधियों को अरेस्ट किया. इन अपराधियों के तार टीपीसी से जुडे होने की बात एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कही है. एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार इरफान अंसारी और राजू उर्फ एजाज पूछताछ में पुलिस को कई जानकारी दी है. फायरिंग में अपनी संलिप्तता स्वीकार करते हुए पुलिस को बताया कि टीपीसी प्रमुख भिखन गंझू
के द्वारा ही इन अपराधियों को एके 56 हथियार उपलब्ध कराया गया था. साथ ही दो फूल मैगजीन जिसमे 30 राउंड गोली और पिस्टल भी भीखन द्वारा ही मुहैया कराया गया था. एसएसपी ने बताया कि इरफान की निशानदेही पर स्कारपियो वाहन जिससे बैठ कर बबलू पर फायरिंग की गई थी, उसे भी जब्त कर लिया गया है. स्कारपियो के पिछले दरवाजा के फ्रेंम पैनल के अंदर रखे एके 56 हथियार भी बरादद हुआ है.
भीखन गंझू के इशारे पर हुआ था बबलू पर हमला
10 लाख के इनामी टीपीसी उग्रवादी भीखन गंझू के इशारे पर बबूल मुंडा पर जानलेवा हमला किया गया था. वहीं बीते साल हुए बबलू के भाई प्रेम सागर मुंडा हत्या के पीछे भी भीखन का ही हाथ होने की बात सामने आई है. एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर गठित एसआईटी टीम ने कार्रवाई करते हुए इस घटना में शामिल आठ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है. बताते चले कि 29 सितंबर को बोडेया में कोयला कारोबारी बबलू मुंडा पर अंधाधुन फायरिंग कर दी गई थी. जिसमे बबलू के बॉडीगार्ड अजय को गोली लगी थी. इस संर्दभ में कांके थाना में मामला दर्ज कराया गया था. एसएसपी के निर्देश पर गठित एसआईटी ने कई स्थानो पर छापेमारी की. छापेमारी में ही वारदात की एक-एक कड़ी जुड़ती गई. सबसे पहले मैकेनिक लालू उर्फ इकरामुल अंसारी को हिरासत में लिया गया. लालू की निशानदेही पर पुलिस ने मैनूल और अफरोज को गिरफ्तार किया. पुछताछ में मैनूल और अफरोज ने अन्य सदस्यों का नाम बताया. जिसके बाद पुलिस इरफान अंसारी एवं राजू उर्फ एजाज तक पहुंची. जांच के क्रम में यह मामला परत दर परत खुलता गया. अंत में इसकी डोर टीपीसी से जुडा होने की बात सामने आई.
चंदवा से आए थे सूटर
एसएसपी ने बताया कि मैकेनिक लालू उर्फ इकरामुल अंसारी द्वारा बारात में जाने की बात कह कर वाहन लिया गया था. फायरिंग के दौरान अपराधियों ने इसी वाहन का प्रयोग किया था. पुलिस ने इस पूरे मामले में उग्रवादी इरफान अंसारी, अफरोज अंसारी, एजाज अंसारी, अरसद अली, अब्दुल्ला आलम, एकरामुल अंसारी, जसीम खान और मैनुल अंसारी को गिरफ्तार किया है. मामले को अंजाम देने के लिए चंदवा से सूटर बुलाया गया था. सूटर बुलाने की जिम्मेवारी राजू उर्फ एजाज को दिया गया था. इरफान अंसारी द्वारा राजू को यह जिम्मेवार सौंपी गई थी. सूटरों को लाने ले जाने के लिए इरफान के ब्लैक स्कारपियो का उपयोग किया गया था. राजू की निशानदेही पर सूटर अब्दुल्ला आलम, अरसद अली को इरफान के घर के समीप से गिरफ्तार किया. वहीं अफरोज की निशानदेही पर घटना में प्रयोग किए गए लोडेड पिस्टल, मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद किए गए. वहीं मामले से जुडे दूसरे अपराधियों की छानबीन में पुलिस जुटी है.