रोजगार को लेकर जीएम को दिया गया पत्र, 7 अगस्त से मोनेट का काम बंद कराएंगे ग्रामीण

Frontline News Desk
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 रिपोर्ट : देवनारायण गंझू।

रोजगार को लेकर जीएम को दिया गया पत्र

7 अगस्त से मोनेट का काम बंद कराएंगे ग्रामीण

मजदूरों को रोजगार देना होगा-मोर्चा

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खलारी : सीसीएल एनके एरिया के द्वारा सीएसआर के तहत गोद लिए गए विस्थापित गांव केकराहीगढ़ा, बरटोला और भूत नगर के बेरोजगार लोगों को रोजगार देने की मांग को लेकर मोनेट कोल वाशरी प्रबंधन को पत्र दिया है।यह पत्र ग्रामीणों के द्वारा प्रबंधन को दिया गया है।पत्र के माध्यम से बताया गया कि जिस समय मोनेट कोल वाशरी खुल रहा था उस समय यहां के महिला मजदूर ठेकेदार के माध्यम से मोनेट की नींव रखने के समय काम किये।प्लांट चालू होने पर लोगों को ठेकेदार के माध्यम से रोजगार भी मिला जो करीब 12 वर्षों तक चला.।लेकिन कोरोना काल में प्लांट बन्द होने के बाद मजदूरों को काम से निकाल दिया गया जिसके बाद से प्लांट चालू होने के बाद अब तक वासरी में सभी महिला मजदूरों को नौकरी नहीं दी गई।इस वासरी में 25 महिला मजदूर काम करते थे जिनमें से मात्र 6 लोगों को ही फिर से काम में रखा गया है।और बारी बारी से काम दिया जाता है।जिसमें महीने में मात्र 7 या 8 दिन की हाजरी ही दी जाती।ऐसे ऐसे हालात में घर चलाना काफी मुश्किल हो गया है। पत्र के माध्यम से ग्रामीणों ने प्रबंधन को यह चेतावनी दी है कि सभी महिला मजदूरों की हाजिरी 30 दिन सुनिश्चित की जाए नहीं तो 7 अगस्त से वासरी का कामकाज को बंद करा दिया जाएगा. पत्र की प्रतिलिपि सभी संबंधित अधिकारियों को दी गई है।इधर रैयत बिस्थापित मोर्चा के उपाध्यक्ष अमृत भोगता एव रामलखन गंझू ने कहा कि मोनेट कोल वाशरी को काम कर रही महिला मजदूरों को वापस रखना होगा क्योंकि इन मजदूरों ने वाशरी को यहाँ तक पहुचाने में अपना मेहनत और पसीना बहाया है ।इन्हें पुनः रोजगार मिले अन्यथा मोर्चा मजदूरों के साथ आंदोलन में उनके साथ खड़ी रहेगी।

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