लोहरदगा के रिहायशी क्षेत्र में गजराजों की धमक से अफरा-तफरी का माहौल
लोहरदगाः लोहरदगा के रिहायशी क्षेत्र में गजराजों की धमक से अफरा-तफरी मच गयी। नागरिक भयभीत दिखे। चहुंओर ‘हाथी आया-हाथी आया’ का ही चर्चा है। हालांकि इस्लाम नगर स्थित ईदगाह बाउंड्री समेत छोटी-मोटी तोड़फोड़ को छोड़ कोई बड़ी घटना नहीं कर पाए। शहर वासियों के मुताबिक गुरुवार को अहले सुबह दो विशालकाय जंगली गजराजों के पहुंचने के बाद उसकी धमक व चिंघाड़ से पूरा नगर दहल गया। सड़कों पर अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। लोहरदगा जिले के कैरो और भंडरा प्रखंड के कई ग्रामों में फसलों को रौंदते, तबाही मचाते व जनजीवन को अस्त-व्यस्त करते हुए लोहरदगा के शहरी क्षेत्र में प्रवेश किए थे। शहरी क्षेत्र के संकट मोचन मंदिर के समीप हाथियों का नजारा ही कुछ अलग था। वे बगड़ू रोड होते हुए कब्रिस्तान के पास पहुंच गए।लोगों में भय का माहौल देखा गया। नगर के रिहायशी क्षेत्र में प्रवेश से अफरा-तफरी व शोर शराबे की आवाज सुनकर वन विभाग के कर्मचारी भी हाथी के पीछे पीछे-पीछे लगे हुए थे। वन विभाग की टीम गजराजों को सुरक्षित जंगलों प्रवेश कराने को लेकर मुस्तैद नजर आए। शहर में पुलिस को भी इसकी सूचना होते ही पुलिस भी न सिर्फ पीछे-पीछे लगी हुई थी, बल्कि शहर वासियों को माइक से उद्घोष कर सावधान भी कर रही थीं। हाथी देखने के लिए नगर में लोग उत्साहित थे। आम जनता बच्चे, महिलाओं व पुरूषों में हाथी को देखने की विशेष ललक थी। लोगों ने छत के ऊपर से जमकर हाथी की फोटो खींचने का भी प्रयास किया। इस दौरान बच्चों के बीच हाथी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। वही महिलाएं भी अपने बच्चों को हाथी को दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वन विभाग व पुलिस ने गजराजों को हांकते हुए निंगनी-कुटमू के तरफ से बगड़ू जंगल के तरफ ले गए। जिससे शहरवासी चैन की सांस ले पाए।
रिपोर्ट : कयूम खान