सरकार जवाब दें : बेटी बचायी, बेटी पढ़ायी, अब क्यों बिटिया आज सड़क पर आई

Vijay Kumar Mishra
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सरकार जवाब दें : बेटी बचायी, बेटी पढ़ायी, अब क्यों बिटिया आज सड़क पर आई

 

 

 

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Ranchi : झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के द्वारा आयोजित “महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति महोदय तथा माननीय मुख्यमंत्री महोदय के ध्यानाकर्षण हेतु धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के तीसरे दिन राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत महिला प्राध्यापकों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज उठायी। देखते देखते ही अनुबंध पर कार्यरत अन्य सभी सहायक प्राध्यापकों ने भी उनके समर्थन में राजभवन के सामने दौड़ पड़ें। आज सभी विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन बाधित हो चुकी है। कॉलेज वीरान पड़ा हुआ है। कक्षा रूमों में सन्नाटा और सड़कों पर शिक्षक उतरे हुए हैं।

 

 

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विदित हो कि झारखंड सहायक प्राध्यापक (अनुबंध) संघ के द्वारा राज्य की राजधानी, रांची में राजभवन के समक्ष आज तीसरे दिन भी ध्यानाकर्षण कार्यक्रम जारी रहा।
सिद्धू-कान्हू मुर्मु विश्वविद्यालय दुमका से आये डॉ० कुमार सौरभ ने घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों की समस्याओं को बताते हुए कहा कि सरकार को हम सभी शिक्षकों की मांगों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि सभी घंटी आधारित शिक्षकों के धरना में सम्मिलत होने के कारण राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कक्षाएं खाली जा रही हैं जबकि कई विश्वविद्यालयों में छात्रों की परीक्षाएं आयोजित होने वाली हैं। रांची विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ० अशोक कुमार महतो ने कहा कि सरकार को हमारी चार सूत्री मांगों पर गंभीरता के साथ विचार करने की आवश्यकता है और सरकार हमें सम्मान का जीवन दे ताकि अपनी मूलभूत समस्याओं से फ्री होकर पढ़ा सकें।
विनोबा भावे विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ० रुपम कुमारी ने कहा कि सरकार हमें सबसे पहले यूजीसी ग्रेड पे के अनुसार फिक्स सैलेरी दे। चुकी हम शिक्षकों का चयन यूजीसी के मानदंडों के अनुसार हुआ है। अतः सरकार हम सभी अनुबंध शिक्षकों को नियमित करे । हमें सम्मान रूपी जीवन यापन करने का मार्ग प्रदान करे, ताकि हम सब और अधिक समर्पित होकर झारखंड की उच्च शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार ला सकें।

 

 

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कोल्हान विश्वविद्यालय के शिक्षिका डॉ० अंजना सिंह ने कहा कि एस. के.एम.यू. तथा कोल्हान विश्वविद्यालय में 6-6 यानी कुल बारह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है, उन सभी शिक्षकों को सरकार पुनः सेवा में वापस लाए क्योंकि राज्य के विश्वविद्यालयों में हज़ारों पद अभी भी रिक्त पड़े हैं, ऐसे में किसी शिक्षक को टर्मिनेट करना सही बात नहीं है।
इस मौके पर डॉ० स्मिता गुप्ता, डॉ० निवेदिता एवं डॉ० माधुरी दास ने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय से कई बार मिलने का समय मांगा गया परंतु उन्होंने समय प्रदान नहीं किया, अन्ततः विवश हो कर हम सभी शिक्षकों को राजभवन के सामने इस बरसात के मौसम में अपने घर परिवार और कॉलेज में अध्ययनरत छात्रों को छोड़कर धरने पर बैठना पड़ रहा है।

 

 

धरना प्रदर्शन में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये सैकड़ों घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक उपस्थित रहे। मुख्य रूप से डाॅ० स्वीटी मरांडी, डॉ० सोनू फ्रांसिस मूर्मू, डॉ० सुधा ग्लादिस किस्कू, डॉ० संयोजित लकड़ा, डॉ० गुरुचरण पूर्ति, डॉ० मनोज कच्छप, डॉ० रेखा कुमारी, डॉ० पुष्पा कुमारी, डॉ० यदुवंश यादव, डॉ० इंद्रभूषण, डॉ० एस०के०झा, डॉ० निरंजन कुमार महतो, डॉ० ब्रह्मानंद साहू, डॉ० त्रिभूवन शाही, डॉ०मिराकल टेटे, डॉ० सत्यनारायण उरांव, डॉ० नीरा वर्मा, डॉ० संजू कुमारी, श्रीमति सुनीता उरांव, डॉ० बिरेंद्र ओरांव, डॉ० बी.एन.साहू, डॉ० दीपक कुमार, डॉ० अजय नाथ सहदेव, डॉ० सुमंत झा, डॉ० नरेन्द्र दास, डॉ० राम कुमार, डॉ० मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ० बिलकस पन्ना, इत्यादि ने भाग लिया।

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