झारखंड सहायक प्राध्यापक (अनुबंध) संघ के द्वारा राज्य की राजधानी रांची में राजभवन के समक्ष दूसरे दिन भी जारी रहा धरना.
राँची :झारखंड सहायक प्राध्यापक (अनुबंध) संघ के द्वारा राज्य की राजधानी रांची में राजभवन के समक्ष दूसरे दिन भी जारी रहा धरना.इस दौरान संघ के संरक्षक प्रो. डॉ. एस. के. झा ने सहायक प्राध्यापकों की समस्याओं को बताते हुए कहा कि सरकार को हम सभी शिक्षकों की मांगों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि सभी घंटी आधारित शिक्षकों के धरना में सम्मिलत होने के कारण राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कक्षाएं खाली जा रही हैं जबकि कई विश्वविद्यालयों में छात्रों की परीक्षाएं आयोजित होने वाली हैं। प्रो. झा ने सरकार को अपनी चार सूत्री मांगों पर गंभीरता के साथ विचार करने का अनुरोध किया और कहा कि सरकार हमें सम्मान का जीवन दे क्योंकि हम सब पहले झारखंड के नागरिक है। हमें यूजीसी ग्रेड पे अथवा तद्नुसार ग्रॉस सैलेरी दे। हम सबका चयन यूजीसी के मानदंडों पर हुआ है अतः सरकार हम सभी को नियमित कर हमें सम्मान का जीवन यापन करने का मार्ग प्रदान करे, ताकि हम सब और अधिक समर्पित होकर झारखंड की उच्च शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार ला सकें। एस के एम यू तथा कोल्हान विश्वविद्यालय में कुल बारह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दिया गया है, उन सभी शिक्षकों को सेवा में वापस लिया जाए क्योंकि राज्य के विश्वविद्यालयों में हज़ारों पद रिक्त हैं। मुख्यमंत्री महोदय से कई बार मिलने का समय मांगा गया परंतु उन्होंने समय प्रदान नहीं किया अन्ततः विवश हो कर हम सभी शिक्षकों को राजभवन के सामने इस बरसात में भी धरने पर बैठना पड़ रहा है।
धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से डॉ. नेवीदिता मुनमुन, डॉ. स्मिता गुप्ता, डॉ.माधुरी दास, डॉ. अंजना सिंह, डॉ. रूपम सिंह, डॉ. नीरा वर्मा, डॉ. संजू कुमारी, श्रीमति सुनीता उरांव, डॉ. एस. के .झा, डॉ. बी. एन. साहू, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. अजय नाथ सहदेव, डॉ. कुमार सौरभ, डॉ. नरेन्द्र दास, डॉ.रामकुमार, डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ. यदुवंश कुमार, डॉ. निरंजन महतो इत्यादि कुल 280 प्राध्यापकों ने भाग लिया।