आपसी वर्चस्व मे JJMP एरिया कमाण्डर की हत्या , TSPC ने ली जिम्मेदारी

Frontline News Desk
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आपसी वर्चस्व मे JJMP एरिया कमाण्डर की हत्या , TSPC ने फोन कर ली जिम्मेदारी

 

सब्जोनल कमांडर सागर सहित 6 TSPC उग्रवादियों की हत्या मे शामिल था विकास

 

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बुढ़मू : प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन JJMP का एरिया कमाण्डर विकास लोहरा उर्फ़ अभिजीत जी की हत्या बुढ़मू थाना क्षेत्र के सारले मे गोली मारकर कर दी गई है, हत्या प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन TSPC ने की है, हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए TSPC के एरिया कमाण्डर विक्रम जी ने कहा की बीते महीनों से विकास लोहरा की तलाश थी, विकास लोहरा हमारे 6 साथियों की हत्या मे भी शामिल था.

 

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वर्चस्व को लेकर हुई हैं हत्या, बालू घाट बना हत्या का कारण :

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बताते चले की बुढ़मू थाना क्षेत्र मे अपना वर्चस्व बनाने को लेकर JJMP उग्रवादियों ने 26 अगस्त को मारपीट कर बालू घाट को बंद करा दिया था साथ ही 7 लाख रूपये की लेवी की मांग की गई थी, यहाँ पहले से ही TSPC का वर्चस्व क़ायम है,ऐसे मे TSPC व JJMP उग्रवादियों मे खुनी संघर्ष की संभवना प्रबल हो गई थी, इस दौरान TSPC ने प्रेस रिलीज जारी कर JJMP की सफाया करने की चुनौती भी दी थी. जिसका परिणाम देर रात दोनों तरफ से गोलियां चली और JJMP एरिया कमांडर विकाश लोहरा की हत्या कर दी गई, हलांकि गोली चलने व हत्या की सुचना पर बुढ़मू,मांडर, खलारी, पीपरवार की पुलिस द्वारा घेराबंधी कर अन्य उग्रवादियों की धरपकड़ को लेकर रेस हो गई है.खबर लिखें जाने तक छापेमारी की जा रही थी.

सब्जोनल कमांडर सागर गंझु हत्याकांड मे शामिल था विकास लोहरा :

बताते चले की 2017 मे TSPC सब्जोनल कमाडर सागर गंझु सहित 6 उग्रवादियों की हत्या कर दी गई थी उक्त हत्या मे विकास लोहरा का भी नाम आया था,जिसके बाद TSPC द्वारा उसकी तलाश की जा रही थी, इस दौरान बुढ़मू बालू घाट का मामलें ने भी तूल पकड़ा और TSPC उग्रवादी के एरिया कमाडर विक्रम जी के दस्ते ने विकास लोहरा की हत्या कर दी, साथ ही विक्रम जी ने बताया की 2017 मे हुए साथियो सागर गंझु सहित 6की हत्या की थी जिसका बदला लें लिया गया है, अब ऐसे अन्य संगठनों को इस क्षेत्र मे बर्दास्त नहीं किया जायेगा,जो अमजनों को परेशान करता है.

छापर बालू घाट हमेशा से रहा है विवादों मे :

प्रखंड क्षेत्र का छापर बालू घाट शुरू से ही विवादों मे रहा है, अवैध वसूली को लेकर मारपीट व हत्या यहाँ जैसे आम हो गई है. यहाँ हर किसी के नाम पर होती है अवैध उगाही, हर किसी को जाता है एक छोटा हिस्सा, अब छापर मे कोयलवरी की शुरुआत होने वाली है ऐसे मे उग्रवादीयों का यहाँ अपना वर्चस्व क़ायम रखना है ताकि लेवी की मोटी रकम मिलते रहे है यही वर्चस्व को लेकर खुनी संघर्ष देखने को मिलती है. प्रशासन इसको रोकने मे सक्षम हैं या नहीं यह तो आनेवाला वक़्त ही बताएगा, परंतु इस प्रकार की घटना से ग्रामीण दहशत मे है.

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