झारखंड जनवरी तक योजना व्यय से 53 फीसदी राशि खर्च

Frontline News Desk
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वित्तीय वर्ष 2022-23 की समाप्ति में अब महज 51 दिन बचे हैं. तीन मार्च को अगले वित्तीय वर्ष का बजट सरकार पेश करने जा रही है. चालू वित्तीय वर्ष के बजट की बात करें तो योजना व्यय में से 31 जनवरी 2023 तक 53 फीसदी ही राशि खर्च हो पाये हैं. जबकि 47 फीसदी राशि अभी भी विभिन्न विभागों के पास पड़े हुए हैं. सरकार के लिए शेष बचे हुए दिनों में 27 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करना एक बड़ी चुनौती होगी. विभागवार अगर देखा जाये तो कृषि विभाग का परफॉरमेंस सबसे खराब दिख रहा है. कृषि विभाग ने अब तक योजना मद की राशि में से मात्र 16.32 प्रतिशत ही खर्च कर पाया है. वहीं, ग्रामीण विकास विभाग 35 फीसदी राशि ही खर्च की है. पथ निर्माण विभाग का खर्च संतोषप्रद है. विभाग ने अब तक लगभग 60 फीसदी राशि खर्च कर दिया है. उर्जा विभाग बजट में आवंटित राशि से ज्यादा खर्च कर चुकी है. यह ज्यादा राशि उन्हें अनुपूरक बजट से मिली राशि से है. यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि उर्जा विभाग का खर्च ज्यादा तो दिखाया जा रहा है लेकिन वास्तविकता यह है कि उर्जा विभाग की अधिकांश राशि देनदारियों के निपटारे में खर्च हुए. राज्य में कुल बजट 10301 करोड़झारखंड में स्थापना मद में 44381 करोड़ का बजटीय प्रावधान है. इसमें 31 दिसंबर तक 23664 करोड़ यानि 53 प्रतिशत खर्च हुआ था.

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