दुर्घटना ग्रस्त वाहन को पैसे लेकर छोड़ा गया
Ranchi : अवैध बालू लदे दुर्घटना ग्रस्त वाहन को स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से पैसे लेकर मामले को रफा दफा कर दिया गया. आखिर इसका जिम्मेदार कौन है. क्यों कार्रवाई नहीं हुई है यह एक बड़ी बात है.विदित हो की छापर बालू घाट से लगातार अवैध बालू की ढुलाई अनवरतर जारी है. यहाँ बालू माफिया अपना पॉकेट भरने मे लगे है.
प्रतिदिन 150 वाहनों से हो रहा है अवैध बालू की ढूलाई : अवैध बालू की ढुलाई मे 150 वाहन लगे है अब सवाल है की आखिर किनके चालान के नाम पर अवैध बालू का यह गोरख धंधा फल फूल रहा है, किनके पास लाखों चालान है जो अवैध ढुलाई मे लगा रहे है?? अगर चालान नहीं है तो फिर किनके इशारे पर यह सारा खले जारी है क्यों प्रशासन का डऱ नहीं है या फिर कहीं पूरा खेल मे प्रशासन की भूमिका तो संदिग्ध नहीं है. यह एक बड़ा सवाल है जो सभी के जेहन मे कोंध रहा है.
चालान के नाम से हो रही है उगाही
प्रति वाहन, प्रति ट्रिप 8000(आठ हजार )रूपये चालान के नाम से लिया जा रहा है और किसी गाड़ी में चालान नही दिया जा रहा है। सूत्र के में तो रांची में बैठे दो व्यक्ति है उसमे एक सफेदपोश भी है ।एक छापर का स्थानीय व्यक्ति को पूरा वसूली का जिम्मा दे कर काम को मोनेट्रिंग कर रहा है।सबसे बड़ सवाल ये है कि आखिर किन किन लोगो को कितना यह पैसा जाता है यह तो जाँच का विषय, सूत्रों की माने तो इस अवैध वसूली की पैसो की गिनती के लिए मशीन रखा गया है।मशीन द्वारा पैसे की गिनती की जा रहा है। आखिर यह कौन है जो सारा खेल रचा है.
सीनियर अधिकारी के नाम पर हो रही है अवैध उगाही : बालू की इस अवैध उगाही मे एक सीनियर ऑफिसर के नाम का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है क्यों इस बात की जानकारी उन अधिकारियो को नहीं है या फिर सब जानते हुए भी चुप है तो समझिये उनके इशारे पर यह सारा खेल चल रहा है बहरहाल चाहे जो हो पर इस अवैध बालू कारोबार से सरकार को भले ही नुकसान हो रही है पर चंद लोग मालमाल हो रहे है
मौन है खनन विभाग : बालू के इस अवैध खेल मे खनन विभाग का मौन होना कहीं ना कहीं सादिग्ध नजर आ रही है पुरे मामले मे खनन विभाग की चुप्पी एक बड़ी कहानी बयां करती नजर आ रही है