बालू माफिया साकेत कुमार साहू व सौरभ चौरसिया पर सरकारी कार्य मे बाधा डालने व दुर्व्यवहार का मामला दर्ज
अंचलाधिकारी ने ठाकुरगांव थाना मे कराया प्राथमिकी
बुढ़मू : अवैध बालू परिवहन मामले मे गिंजो ठाकुरगांव निवासी साकेत कुमार साहू व सौरभ चौरसिया पर झारखण्ड लघु खनीज समानुदान नियमावली एवं सरकारी काम मे बाधा डालने व सीओ से दुर्व्यवहार मामले पर बुढ़मू अंचलाधिकारी ने ठाकुर गांव थाना मे मामला दर्ज कराया है.जिसका केस नम्बर 04/24 व धारा 414/353/504/506/34 के तहत मामला दर्ज कराया गया है.
क्या कहा बुढ़मू सीओ ने :अंचलधिकारी बुढ़मू शंकर कुमार विधार्थी ने बताया की ठाकुरगांव थाना क्षेत्र के इटहे मोड़ के पास अवैध रूप से बालू का परिवहन करता हुआ ट्रबो ट्रक नम्बर JH 01N -5158 को पाया. वाहन के चालक से ज़ब जानकारी लि गई तो उसने बताया की उसका नाम राहुल मुंडा है और वह सोबा का रहने वाला है. ट्रबो को ठाकुरगांव थाना के हवाले करने के लिए लाया जा रहा था. इसी दौरान इटहे मोड़ के पास साकेत कुमार साहू व सौरभ चौरसिया अपने कार से आया और मुझसे बहस करते हुए सरकारी कार्य मे बाधा डाला और ट्रबो सहित चालक को भगा दिया और आगे देख लेने की धमकी भी मुझे दी गई. मेरे द्वारा दोनों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन मुझसे दुर्व्यवहार करते हुए बलपूर्वक ट्रबो को चालक सहित भगा दिया.मैंने इस सदर्भ मे ठाकुर गांव थाना को लिखित आवेदन दी है जिसपर जल्द से जल्द कार्रवाई किया जायेगा.उन्होंने कहा की किसी भी हाल मे अवैध परिवहन होने नहीं दी जायगी.
बालू माफियाओ का मनोबल बढ़ा, क़ानून विद को दिखा रहे है आँख : बुढ़मू थाना क्षेत्र मे माफियाओ का आतंक कहे या इनकी बढ़ती मनोबल कहे, आज ये जिन्हे चाहे उन्हें धमकी दे रहे है ज़ब अंचलाधिकारी को धमकी दे रहे है तो आम की क्या हिम्मत जो इनपर सवाल उठाएंगे . ख़ासकर बुढ़मू मे बालू, कोयला, लकड़ी, गांजा आदि की अवैध तस्करी मे शुरू से ही होती रही है जिसपर लगातार खबर प्रकाशित होती रही है फिर भी कार्रवाई नहीं होती है. जिससे अब इनको किसी अधिकारी या थाना का डर शायद ही रहा हो, कुछ दिनों पूर्व बालू मामले मे नक्सलीयों की भी धमकी एक पत्रकार को मिल चुकी है. अब अंचलाधिकारी बुढ़मू को भी देख लेने की धमकी बालू माफिया दे रहे है. जिससे साफ जाहिर होता है की इनको क़ानून का जरा सा भी डर नहीं रहा.यहाँ बताते चले की सैकड़ो वाहनों से प्रतिदिन अवैध बालू का परिवहन दिन हो या रात लगातार किया जाता रहा है. जिसपर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर दिया जाता रहा है. ठोस कार्रवाई नहीं होने का परिणाम है की ये जिनको चाहे उन्हें धमकी देकर खामोश करने व वर्चस्व बनाने का काम कर रहे है.अब देखना है की इसपर क्या कार्रवाई की जाती है?या फिर खाना पूर्ति कर छोड़ दिया जायेगा.