राँची : हजारीबाग वीमेंस काॅलेज की छात्रा सलीना यासमीन हत्या कांड की जांच सीआईडी या एसआईटी गठ़न कर करवाने की मांग को लेकर सोमवार को झारखंड छात्र संघ की केन्द्रीय सचिव नाजिया तब्बसुम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरने, सचिव राज्य मानवाधिकार आयोग, डीजीपी के नाम मांग पत्र दिया। मांग पत्र में हजारीबाग पुलिस द्वारा किये गये जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि कोरोना काल में हाॅस्टल बंद है तो पलामू में प्रमोद तिवारी का हाॅस्टल कैसे चल रहा था और बिना पुलिस को जानकारी दिए युवक युवती को रहने का जगहा कैसे दिया,
दोनों ने जब साथ में फांसी लगाया तो मौत सिर्फ युवती की हुई और युवक कैसे बच गया और उसने अपने को फोन कर जानकारी दी लेकिन युवती के परिवार को सूचना क्यों नही दी,
मृत छात्रा के दाहिने पैर पर बहुत सारे सुखा खून कैसे लगा हुआ था साथ ही उसके गर्दन पर जख्म के गम्भीर निशान कैसे मिला?
छात्रा के आई-कार्ड के आधार पर उसे बालिग़ घोषित कर दिया गया लेकिन लड़का जो ग्रेजुएट का छात्र है बिना उसका आई- कार्ड देखे नाबालिग कैसे कह दिया गया,
छात्रा के पिता ने 02 सितम्बर को ही गुमसुदगी का कम्पेलन थाना में किया था तो इसे गम्भीरता से लेकर खोजबीन क्यों नही की गई।
पुलिस ने प्रेम प्रसंग के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार किया है जिसको देखने से प्रतीत होता है कि वो प्रिंस यादव और उसके सहयोगी को बचाने का काम कर रही है। छात्रा के पिता ने स्पष्ट कहा है कि उसकी बेटी को काॅलेज के पास से अगवा कर पलामू ले जाया गया और दुष्कर्म कर हत्या कर दी गई है। इसलिए मैं मांग करती हूं इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।