बगैर सोंचे समझे लागू की गई नई शिक्षा नीति : डाॅ रामेश्वर

Vijay Kumar Mishra
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बगैर सोंचे समझे लागू की गई नई शिक्षा नीति : डाॅ रामेश्वर

राँची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा,खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकार की चिंता से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का
यह मानना रहा है कि संघीय ढांचे के अनुरूप में कोई भी राष्ट्रव्यापी नीति को लागू करने के पहले राज्यों से विचार किया जाना चाहिए। पार्टी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डा राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर जिस तरह से एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार इन्वेंट मैनेजमेंट की तरह नई शिक्षा नीति को बिना सोचे-समझे लागू करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आनन-फानन में नोटबंदी, गलत जीएसटी और लॉकडाउन का निर्णय लेकर देश की पूरी आर्थिक-सामाजिक व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया गया, उसी तरह से नई शिक्षा नीति से भी आने वाले समय में काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। प्रदेश प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की परंपरा
हर निर्णय को राज्यों पर थोपने की रही है और उसी के तहत एक और कदम बढ़ाया गया है और राजनीति की भेंट चढ़ा दिया। नई शिक्षा नीति से जहां शिक्षा के
निजीकरण और व्यापारीकरण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं इस नीति से झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों को नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति
सिर्फ भाजपा का राजनीतिक हथकंडा ही बनकर रह जाएगा। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा राज्य की विधि व्यवस्था पर सवाल उठाये जाने पर प्रदेश प्रवक्ताओं ने कहा कि पहले उन्हें भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूरे लॉकडाउन के दौरान प्रदेश भाजपा के नेता अपने घरों में बंद रहे और कार्यालय में ताला लटका रहा, उसे सभी
ने देखा था, लेकिन अब भाजपा नेता खुद अपनी पीठ थपथपा रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती रघुवर दास के पांच वर्षां के कार्यकाल में भी झारखंड की जनता ने विधि-व्यवस्था को देखा है,और नजदीक से महसूस किया है, यही कारण है कि भाजपा को सत्ता से हटाने का काम जनता ने किया,परंतु यदि उन्हें अब भी वे भम्र पालना चाहते है, तो पाल कर रखे।

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