रिपोर्ट : देवनारायण गंझू
सीएमपीएफ की मांग को लेकर असंगठित मजदूरों का हड़ताल एव धरना
प्रबंधन ने सीएमपीएफ के लिए लिया तीन महीने का समय
ख़लारी ।सीसीएल एनके एरिया के असंगठित मजदूरों ने सीएमपीएफ भुगतान को लेकर अपना हड़ताल शुरू कर दिया।साथ ही मजदूरों ने डकरा स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर भी बैठ गए।आरसीएमएस के बैनर तले एरिया सचिव अब्दुल्ला अंसारी के नेतृत्व में असंगठित मजदूर आंदोलन कर रहे।असंगठित मजदूरों ने आंदोलन के तहत मंगलवार की सुबह से ही हड़ताल पर चले गए और धरना पर बैठ गए ।मजदूरों के हड़ताल पर जाने एव धरना में बैठने के कारण कोयला ट्रांसपोटिंग ठप हो गया है।सभी ट्रांसपोटिंग गाड़िया जहाँ तहाँ खड़ी हो गई थी।घंटो कोयला ट्रांसपोटिंग ठप रहने के बाद एनके एरिया प्रबंधन ने धरना दे रहे असंगठित् मजदूरों तथा श्रमिक प्रतिनधियों की उपस्थिति में जीएम कार्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में वार्ता हुई।जिसमें मजदूर नेता अब्दुल्ला अंसारी ने कहा कि काफी लंबे समय से सीएमपीएफ की मांग को लेकर असंगठित मजदूर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन कोयला ट्रांसपोटिंग में लगी निजी कंपनियों के द्वारा मजदूरों को सीएमपीएफ की भुगतान करने को लेकर कोई भी सकारात्मक रवैया नही अपनाया जिससे मजदूरों में काफी आक्रोश व्याप्त है।जल्द से जल्द तय सीमा के अंदर सीसीएल प्रबंधन मजदूरों को सीएमपीएफ भुगतान करे।वार्ता में महाप्रबंधक ने अपने विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद सकारात्मक पहल की बात कही। महाप्रबंधक संजय कुमार ने मजदूरों को आश्वासन दिया है कि इस बार मजदूरों को तय सीमा पर सीएमपीएफ का भुगतान हो जाय इसके लिए प्रबंधन कोई कसर नही छोड़ेगा।एनके प्रबंधन ने सीएमपीएफ भुगतान के लिए तीन महीने का समय लिया है।साथ ही हर महीने सीएमपीएफ को लेकर कार्य प्रगति की समीक्षा की जाएगी।इसके अलावा असंगठित मजदूरों के वेतनमान पर कहा है कि उसके लिए ट्रांसपोटिंग कंपनी,जनप्रतिनिधियों एव मजदूरों के साथ बैठक होगी।सकारात्मक वार्ता के बाद धरना एव हड़ताल समाप्त हुआ।अब्दुल्ला ने कहा है कि तीन महीने में सीएमपीएफ भुगतान नहीं हुआ तो जब आंदोलन होगा तो कोई वार्ता नही होगा।वार्ता में प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक संजय कुमार,एसओपी एसके तिवारी तथा मजदूरों की ओर से आरसीएमएस के एरिया सचिव अब्दुल्ला अंसारी,सुनील सिंह,प्रखण्ड प्रमुख सोनी तिग्गा,प्रेम कुमार,शैलेश कुमार, अमरभूषन सिंह,सुनील कुमार सिंह, जेया आलम सहित कई अधिकारी एव असंगठित मजदूर लोग शामिल थे।