सरकार के फैसले से रक्तदान शिविर आयोजकों में रोष

Frontline News Desk
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सरकार के फैसले से रक्तदान शिविर आयोजकों में रोष

 

 

 

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खलारी :  झारखंड सरकार के स्वस्थ्य विभाग द्वारा जारी संकल्प पत्र में ब्लड पर शुल्क लगाने के इस निर्णय से रक्तदान शिविर आयोजित कर रही ह्यूमन राइट्स इक्वलिटी फाउंडेशन की रक्तदान महादान टीम खलारी ने रोष ब्यक्त किया है। संस्था के मुन्नु शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी संकल्प पत्र में झारखंड एड्स नियंत्रण समिती के द्वार जिस लोक स्वास्थ्य हित की बाद कही गई है वो जरूरतमंद मरीजों के हित मे नही है।
प्राइवेट हॉस्पिटल निजी क्लीनिक/बीमा से सूचीबद्ध अस्पतालों में एडमिट जो भी मरीज सरकारी ब्लड बैंक से ब्लड लेंगे उन्हें अब उसके लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। वहीं जो मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती है एवम आयुषमान कार्ड से लाभान्वित नही है या बीमा से सूचीबद्ध नही है गरीब है ऐसे मरीजों को सरकारी ब्लड बैंक से ब्लड लेने के लिए अंडरटेकिंग पेपर देना अनिवार्य होगा। वहीं मुन्नु शर्मा ने बताया कि रक्तदान करने वाले रक्तदाता और बहुत सारे मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भी एडमिट होते है। उन्हें ब्लड की जब भी जरूरत होगी तो सरकारी अस्पतालों में उनसे शुल्क लिया जाएगा। जबकि भारी मात्रा में संस्थाओं के द्वारा रक्तदान करके रक्त संग्रहीत कर सरकारी ब्लड बैंक को जरूरतमंद मरीजों के लिए दिया जाता है। ब्लड ऐसी आवश्यकता की चीज है जो सभी किसी भी ब्यक्ति के लिए जीवन रक्षक तत्व है। जब रक्तदान के बदले पैसे नही लिए जाते रक्त उपलब्ध कराने के बदले पैसे नही लिए जाते तो संस्थाओं के द्वारा दिया गया ब्लड सरकार फिर क्यों शुल्क का प्रावधान निर्धारित कर रही है। वही निजी अस्पतालों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी क्यों अगर निजी अस्पताल अपने यहाँ एडमिट इन हाउस मरीजो को रक्त उपलब्ध कराएं तो सरकारी ब्लड बैंकों में भार भी कम पड़ेगा। इस जारी आदेश पर रक्तदान महादान टीम ने रोष ब्यक्त करते हुए कहा कि रक्तदान एक महान कार्य है किसी दान के बदले पैसे लेना अनुचित है। सरकार को रक्तदाताओं की भावनाओं का ख्याल रखना जरूरी है। और जरूरमंद मरीज तक रक्त कैसे पहुँच सके इसके तरीके को और सुगम सरल बनाने पर विषेश ध्यान देना चाइए। इस आदेश के लिए संस्था के द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र देकर विचार करने का आग्रह करने का निर्णय किया है। ताकि लोग हित और जनहितकारी कार्य मे किसी भी प्रकार की असुविधा जरूरतमंद मरीजों को ना हो सके।

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