- 1932 की खतियान संबंधित विधेयक को राज्यपाल ने लौटाने के बाद से ही राज्य की राजनीति गरमा गई है। विधेयक को लेकर झामुमो और बीजेपी एक दूसरे पर वार-पलटवार करने में लगे हुए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जब पत्रकारों ने जब सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं राज्य के दौरे पर निकला ही था तभी रास्ते में मीडिया के माध्यम से पता चला कि राज्यपाल ने 1932 से संबंधित विधेयक लौटा दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने क्या आपत्ति जताई है और किन बातों पर उन्हें चिंता है, यह देखने के बाद ही इस पर कुछ बोल पाएंगे। उन्होंने कहा कि विधेयक को लेकर राज्यपाल की चिंताओं को दूर करने का प्रयास करेंगे।
यह पूछने पर कि 1932 का खतियान को वे लागू कर पाएंगे क्या? इस पर मुख्यमंत्री ने यह कहकर अपनी मंशा जाहिर कर दी कि राज्य के लोगों की पहचान कैसे होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों को नौकरी में प्राथमिकता देना है और इस तरह का कानून देश के कई राज्यों ने बनाया है।