भारत की जनगणना के फॉर्म में सरना आदिवासी धर्मावलंबियों के लिए अलग धर्मकोड की मांग को लेकर गोलबंदी तेज हो गई है. झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में विभिन्न आदिवासी संगठनों ने महारैली का आयोजन किया. दावा किया. इस महारैली में झारखंड और देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ नेपाल, भूटान, बांग्लादेश जैसे देशों से लाखों सरना आदिवासी धर्मावलंबी भाग लेने पहुंचे.
बता दें कि झारखंड की विधानसभा ने वर्ष 2021 में 11 नवंबर को एक विशेष सत्र आयोजित कर जनगणना में सरना आदिवासी धर्म के लिए अलग कोड दर्ज करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था. झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद की संयुक्त साझेदारी सरकार की ओर से विधानसभा में लाए गए इस प्रस्ताव का राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी के विधायकों ने भी समर्थन किया था. झारखंड विधानसभा की ओर से सरना आदिवासी धर्मकोड का प्रस्ताव पारित किए दो साल से ज्यादा वक्त गुजर जाने के बात भी केंद्र सरकार की तरफ से कोई निर्णय नहीं लिया गया. रैली में आदिवासी संगठनों ने एक मत से कहा कि सरना धर्म कोड हम लड़ कर लेंगे. सरना धर्म कोड को जिस तरह से नजर अंदाज किया जा रहा है, उसे लेकर सरना धर्मालंबियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. सुत्रकार संवाददाता से बातचीत के क्रम में सरना धर्मावलंबी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार सरना धर्म कोड को मंजूरी नहीं देती तो इस बार हम वोट को चोट करेंगे. आगामी चुनावों में हम एकजुट होकर सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे.