भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से राज्य में शराब से आनेवाले राजस्व में कमी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में शराब बिक्री से मिलनेवाले राजस्व का लक्ष्य 2500 करोड़ रखा है इसके विरुद्ध 15 फरवरी तक 1607 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ है. 14 मार्च 2023 तक 690 करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ है. कहा कि राज्य में छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर नई उत्पाद नीति लायी जा रही थी तभी इसपर के विसंगतियों एवम 8 बिंदुओं पर राजस्व पर्षद एवं अन्य ने आपत्ति दर्ज की थी.
नवंबर 2022 में राज्यपाल ने भी उत्पाद बिल को वापस लौटते हुए 8 बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए राजस्व पर्षद से मंतव्य लेकर इसपर संशोधन का निर्देश दिया था. जनवरी 2023 में विधानसभा अध्यक्ष ने भी इस विधेयक को वापस कर दिया था. इसके बाद भी राज्य सरकार नहीं मानी. कहा कि दिल्ली के तर्ज पर झारखंड में भी शराब का घोटाला हुआ है. होलोग्राम निजी कंपनी से बनाया गया. शराब में पानी मिलाकर बोटलिंग की जा रही थी. 44 करोड़ की बैंक गारंटी को जब्त किया गया. जिन कंपनियों ने बैंक गारंटी नहीं दिया उसपर क्या कार्रवाई हुई. उन्होंने कहा कि झारखंड में शराब घोटाले का किंग पिंग कौन है इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए.