राजधानी रांची से सटे तमाड़ प्रखंड के ग्रामीण गजराज का आतंक से दहशत में हैं. इलाके में विचरण करने के दौरान अगर कोई उसके सामने आ जाये तो हाथी उसे कुचल कर आगे निकल जाते हैं. अगर घर मिल जाये तो घरों को भी तोड़फोड़ कर ध्वस्त कर देते हैं. तमाड़ इलाके में 30 कई संख्या में हाथी भ्रमणशील हैं, जिसमें कई छोटे छोटे हाथी भी हैं…..तमाड़ वन क्षेत्र के मणिकाडीह गांव में रविवार रात आठ-नौ बजे के बीच जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. दर्जनों कच्चे खपरैल मकानों में तोड़फोड़ कर घर में रखे अनाज पर छोटे हाथी टूट पड़े. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक साथ कई बड़े छोटे हाथी गांव में आये और छप्पर, दरवाजा और दीवार तोड़कर घर के अंदर हाथी घुस गए. जबकि बड़े हाथी घर के बाहर सुबह 2-3 बजे तक घूमते हुए नजर आए. हाथियों को देखकर ग्रामीण किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकले….
पीड़ित हेमंत मुंडा, अगनी देवी, पार्वती देवी, सगनी देवी सहित कई लोगों के घर को क्षतिग्रस्त कर घर में रखे धान, चावल समेत अन्य अनाज को खा गये. ग्रामीणों ने पूरी रात घर से बाहर दहशत में बिताई है. वन विभाग की टीम को इस घटना के बारे रात में ही सूचना दी गयी. इसके बावजूद वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची. इस क्षेत्र में जंगली हाथियों के आतंक से ग्रामीण दहशत में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने बताया कि एक डेढ़ वर्ष पूर्व वन विभाग ने थोड़ा पटाखा दिया था लेकिन दो-चार पटाखे से हाथियों को गांव से बाहर खदेड़ना जान जोखिम में डालने के बराबर है….